नई दिल्लीः भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने परिचालन को मजबूत करने और देश भर में सेवा वितरण को बेहतर बनाने के लिए लगभग 3,500 अधिकारियों की नियुक्ति करने की योजना बना रहा है। देश के सबसे बड़े बैंक के उप प्रबंध निदेशक (मानव संसाधन) और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) किशोर कुमार पोलुदासु ने बताया कि बैंक ने जून में 505 परिवीक्षाधीन अधिकारियों (पीओ) की भर्ती की है। उन्होंने बताया, ‘‘इतनी ही संख्या में रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया जारी है... आवेदन प्राप्त हो गए हैं।’’
उन्होंने विशेषज्ञ अधिकारियों के संबंध में कहा कि आईटी और साइबर सुरक्षा क्षेत्र की देखभाल के लिए लगभग 1,300 अधिकारियों का चयन पहले ही किया जा चुका है। पीओ के 541 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी हो चुका है। आवेदन पहले ही मिल चुके हैं। पीओ की भर्ती तीन चरणों वाली प्रक्रिया से होती है- प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
उन्होंने आगे बताया, ‘‘लगभग 3,000 सर्किल आधारित अधिकारियों की नियुक्ति पर विचार किया जा रहा है। यह काम चालू वित्त वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए।’’ इस साल की शुरुआत में, एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा था कि बैंक की विभिन्न श्रेणियों में कुल भर्तियां लगभग 18,000 होंगी।
इनमें से लगभग 13,500 लिपिकीय भर्तियां होंगी, और बाकी परिवीक्षाधीन अधिकारी और स्थानीय स्तर पर कार्यरत अधिकारी होंगे। एसबीआई ने पहली तिमाही में कहा था कि वह अपनी शाखाओं में ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए 13,455 जूनियर एसोसिएट्स और 505 पीओ की भर्ती करेगी।
पोलुदासु ने यह भी कहा कि देश के सबसे बड़े ऋणदाता ने लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीति तैयार की है, जिसका लक्ष्य पांच वर्षों के भीतर अपने महिला कार्यबल को 30 प्रतिशत तक बढ़ाना है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की बात करें, तो महिलाएं लगभग 33 प्रतिशत हैं, लेकिन कुल मिलाकर वे कुल कार्यबल का 27 प्रतिशत हैं।
इसलिए, हम इस प्रतिशत को बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि बैंक इस अंतर को पाटने और मध्यम अवधि में अपने कार्यबल में 30 प्रतिशत महिलाओं के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम उठा रहा है। एसबीआई के कुल कर्मचारी 2.4 लाख से अधिक हैं, जो देश के बैंकिंग उद्योग में सबसे अधिक है।
उन्होंने आगे कहा कि बैंक एक ऐसा कार्यस्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां महिलाएं सभी स्तर पर उन्नति कर सकें। बैंक के कुछ महिला-केंद्रित उपायों के बारे में पोलुदासु ने कहा कि बैंक शिशु की देखभाल के लिए भत्ता देता है, एक परिवार संपर्क कार्यक्रम चलाता है, और मातृत्व अवकाश या लंबी बीमारी की छुट्टी से लौटने वाली महिला कर्मचारियों की मदद के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है।