नई दिल्ली: विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) का संकटग्रस्त एयरलाइन पर कड़ी निगरानी रखने के एक दिन बाद यानी 30 अगस्त को स्पाइसजेट के शेयर की कीमत लगभग 7 फीसद तक गिर गए। इसका खुलासा आज मार्केट में हुआ। बीएसई (BSE) में लिस्टेड कंपनी के स्टॉक शुक्रवार को 5.78 फीसदी घाटे पर रहा है। दूसरी तरफ, इंट्राडे का लो लगभग 62.01 रुपए तक देखा गया, इसके बाद 6.37 प्रतिशत गिर गया है। इससे पहले कंपनी ने अपनी माली हालत को देखते हुए 150 कर्मियों को भी लंबी छुट्टी पर भेज दिया था।
स्पाइसजेट द्वारा उड़ानें रद्द किए जाने तथा वित्तीय संकट का सामना किए जाने की खबरों के बाद इस किफायती एयरलाइन के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। हालांकि, इस बीच एक खबर 29 फरवरी को आई थी कि विमानन कंपनी ने 150 कैबिन को लंबी छुट्टी पर भेज दिया है।
डीजीसीए ने कहा कि उसने 7 और 8 अगस्त को एयरलाइन की इंजीनियरिंग सुविधाओं का विशेष ऑडिट किया और ऑडिट के दौरान कुछ कमियां पाई गईं। एयरलाइन के परिचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बढ़ी हुई निगरानी में स्पॉट चेक और रात की निगरानी बढ़ाई जाएगी।
साल 2023 में, नियामक ने स्पाइसजेट को कड़ी निगरानी के तहत रखा था। डीजीसीए (DGCA) ने एक विज्ञप्ति में कहा, "पिछले रिकॉर्ड और अगस्त 2024 में किए गए विशेष ऑडिट के मद्देनजर, स्पाइसजेट को एक बार फिर तत्काल प्रभाव से कड़ी निगरानी में रखा गया है।"
दुबई हवाई अड्डे को कुछ बकाया राशि का भुगतान न किए जाने के कारण स्पाइसजेट की दुबई से बीते गुरुवार को निर्धारित उड़ानें रद्द हो गईं। जून 2024 में समाप्त पहली तिमाही के लिए कंपनी के शुद्ध लाभ में 20 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 158 करोड़ रुपए पहुंच गई। पिछले वित्तीय-वर्ष की समान अवधि के दौरान यह 198 करोड़ रुपए पर थी। इस बीच, घरेलू ब्रोकरेज जेएम फाइनेंशियल के विश्लेषकों का मानना है कि क्षमता विस्तार और कम एटीएफ के कारण ऐसा हुआ।
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "ATF, जो परिचालन लागत का बड़ा हिस्सा है, 2024 की दूसरी और 2024 की तीसरी तिमाही में उछाल के बाद तेल की कीमतों में गिरावट के कारण 2025 की दूसरी तिमाही में मूल्य में कटौती का अनुभव करना जारी रखता है। इसके कारण, एयरलाइनों को कम लागत और उच्च मार्जिन का अनुभव हो सकता है।"