नयी दिल्ली, 15 दिसंबर केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के चेयरपर्सन पी के पुजारी ने बुधवार को कहा कि लंबी अवधि के बिजली खरीद समझौतों की सार्थकता कम होने के साथ भविष्य में अल्पकालिक बिजली बाजार की हिस्सेदारी बढ़ेगी।
अल्पकालीन बाजार में खुली पहुंच सुविधा के तहत निजी खपत के लिये बिजली उपयोग करने वाले या वितरण कंपनियां जैसे बड़े ग्राहक एनर्जी एक्सचेंज या सीधे उत्पादक कंपनियों से बिजली खरीद सकते हैं। यह परंपरागत बिजली खरीद समझौते से इतर है जहां ग्राहक 25 साल की लंबी अवधि के लिये विद्युत खरीद के लिये समझौते करते हैं।’’
सेंटर फॉर पॉलिसी के ‘अपने नियामक को जानों’ कार्यक्रम में पुजारी ने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि भविष्य में दीर्घकालिक पीपीए सार्थक होंगे। ऐसे में अल्पकालिक बिजली बाजार की हिस्सेदारी बढ़ेगी ...दीर्घकालिक पीपीए 100 प्रतिशत मांग को पूरा नहीं कर पाएंगे।’’
पुजारी बिजली क्षेत्र में बदलते परिदृश्य के संदर्भ में अपनी बातें रखी। नये परिदृश्य में ग्राहकों की विभिन्न अल्पकालीन बिजली बाजार उत्पादों तक पहुंच है। इसमें बिजली की तुंरत जरूरत को पूरा करने का बाजार (रियल टाइम मार्केट), अगले 24 घंटे में बिजली की आपूर्ति करने का बाजार (डे अहेड मार्केट) आदि शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि फिलहाल अल्पकालीन बाजार की हिस्सेदारी 6 से 7 प्रतिशत है। इस हिस्सेदारी के भविष्य में बढ़ने की संभावना है।
पुजारी ने यह भी कहा कि बिजली क्षेत्र के नियामकों को तीन महीने की बिजली आपूर्ति या इस प्रकार के अल्पकालीन उत्पादों को लेकर नियमों के लिये तैयार होना होगा।
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