नई दिल्ली: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने बुधवार को बताया कि बाजार नियंत्रक सेबी ने पत्र जारी करते हुए एलआईसी (LIC) को 10 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए तीन साल का अतिरिक्त समय दिया है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित होने वाली बीमा कंपनी एलआईसी ने कहा, यह सूचित किया जाता है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने अपने पत्र को 14 मई, 2024 अपना निर्णय से एलाईसी को रूबरू करवाया।
इसमें बताया गया कि प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) नियम, 1957 के नियम 19(2)(बी)(iv) के तहत, 10 प्रतिशत सार्वजनिक हिस्सेदारी को हासिल करने के लिए लिस्टिंग की तारीख से 3 से 5 सालों का अतिरिक्त समय दिया जाता है।
इस पत्र के अनुसार दोबारा मिले समय के अनुसार एलाईसी को 16 मई, 2027 से पहले तक 10 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए नियामक ने समय दिया है। अब बीमा कंपनी को मौहलत से उसके शेयर बाजार में 3.92 प्रतिशत बढ़ने के साथ 967.50 रुपए पर पहुंच गए। बीएसई पर आज आखिरी बार करीब 2 लाख शेयरों में बदलाव देखा गया। यह आंकड़ा दो सप्ताह के औसत वॉल्यूम 1.56 लाख शेयरों से अधिक था।
काउंटर पर टर्नओवर 19.06 करोड़ रुपये रहा, जिसका बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) 6,08,433.15 करोड़ रुपये रहा। पिछले साल दिसंबर में, देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी को लिस्टिंग की तारीख से 10 साल के भीतर यानी मई 2032 तक 25 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एकमुश्त छूट मिली थी।
जीवन बीमा निगम को पिछले साल दिसंबर में 25 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी जुटाने के लिए लिस्टिंग होने से मई, 2032 तक यानी 10 साल का कुल समय दिया था। सेबी के नियमों के मुताबिक, किसी कंपनी को लिस्टिंग के तीन साल या विलय या अधिग्रहण के एक साल के भीतर न्यूनतम 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करनी होती है।
इसके अलावा, सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंड सुझाव देते हैं कि एक लाख करोड़ से अधिक मूल्यांकन वाली सूचीबद्ध संस्थाएं लिस्टिंग के पांच साल के भीतर 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता को पूरा कर सकती हैं।
सार्वजनिक हिस्सेदारी क्या हैसार्वजनिक हिस्सेदारी में आपको इकाइयों में देने होता है बजाय किसी प्रमोटर्स को देने के। इसमें रिटेल निवेशकों को, संस्थागत निवेशकों को, विदेशी निवेशकों और अन्य गैर-प्रवर्तक शेयरधारक को इसमें नहीं शामिल किया जाता है।