RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.25% करने का फैसला किया, और न्यूट्रल रुख बनाए रखा। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रिकॉर्ड-कम महंगाई का जिक्र करते हुए रेट कट की घोषणा की। कम इन्फ्लेशन के साथ, गवर्नर मल्होत्रा ने इस साल के पहले छह महीनों में GDP ग्रोथ 8% रहने पर ज़ोर दिया, जो एक दुर्लभ "गोल्डिलॉक्स" पीरियड है।
इसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत किया गया।
- फरवरी 2025 से चौथी बार रेपो दर में हुई कटौती, अब तक कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती हुई।
- एमपीसी ने मौद्रिक नीति का तटस्थ रुख जारी रखने का भी फैसला किया।
- वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत किया गया।
- चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 2.6 प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत किया गया।
- आर्थिक वृद्धि की गति का समर्थन करने के लिए नीतिगत गुंजाइश मौजूद।
- प्रमुख आंकड़ों से तीसरी तिमाही में भी आर्थिक गतिविधि बरकरार रहने के संकेत मिलते हैं।
- आरबीआई खुले बाजार परिचालन के तहत नकदी प्रबंधन के लिए एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा।
- रिजर्व बैंक तीन साल की अवधि वाला पांच अरब डॉलर का ‘खरीब-बिक्री’ डॉलर-रुपया अदलाबदली करेगा।
- बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता, लाभप्रदता मजबूत बनी हुई है।
- बैंकिंग प्रणाली के लिए समुचित टिकाऊ नकदी मुहैया कराने के लिए आरबीआई प्रतिबद्ध।
- वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान चालू खाता घाटा नरम रहने की उम्मीद।
- 28 नवंबर, 2025 तक विदेशी मुद्रा भंडार 686.2 अरब डॉलर था।
- एमपीसी की अगली बैठक चार से छह फरवरी, 2026 को होगी।