Public Privident Fund(PPF): लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने मोदी सरकार को सुझाव दिया है। इससे नौकरी पेशा लोगों को बड़ा फायदा हो सकता है। पीपीएफ सलाना जमा सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख करने की बात की है।
आईसीएआई ने कहा कि पीपीएफ स्कीम में निवेश की लिमिट को बढ़ाना जरूरी हो गया है। स्वनियोजित रोजगार करने वाले आयकरदाता के लिए ये एक मात्र सबसे सुरक्षित और शानदार रिटर्न है। अधिकतम सीमा में कई साल से बदलाव देखने को नहीं मिला है। जीडीपी में हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि पीपीएफ और एनएससी पर सालाना ब्याज दर क्रमश: 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत है। विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दरें 2021-22 की तीसरी तिमाही (एक अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर 2021) के लिये यथावत है। यानी दूसरी तिमाही (एक जून, 2021 से 30 सितंबर, 2021) के दौरान जो ब्याज दरें थी।
आईसीएआई ने कहा कि सलाना सीमा 3 लाख रुपये हो। जनता को बचत अवसर प्रदान करने के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती की मात्रा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जानी चाहिए। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी।
पांच साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखी गई है। वहीं, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है। बचत जमा पर ब्याज 4 प्रतिशत मिलता रहेगा। एक साल से पांच साल के लिये मियादी जमाओं पर ब्याज दरें 5.5 से 6.7 प्रतिशत होगी। जबकि पांच साल की आवर्ती जमा पर ब्याज 5.8 प्रतिशत दिया जायेगा।