मुंबई , 28 जूनः गीतांजलि जेम्स के प्रवर्तक मेहुल चौकसी ने अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) को रद्द करने के लिए एक विशेष अदालत में अपील की, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब मांगा है और 23 जुलाई को बहस के लिए समय तय किया गया है। मेहुल पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी हैं।
मेहुल चौकसी के वकील संजय अबाट ने कहा, ' हमने 10 से अधिक आधारों को लेकर कोर्ट पहुंचे हैं, जिनमें मुख्य रूप से मेडिकल आधार है। वहीं, दूसरी और सीबीआई ने कहा कि वह जवाब नहीं दे रहा है, लेकिन मेहुल ने प्रत्येक नोटिस पर जवाब दिया है।'
आगे उन्होंने कहा, 'मेरे ग्राहक ने सीबीआई को जवाब दिया कि उसका पासपोर्ट निरस्त कर दिया गया है और उसके पास सुरक्षा को लेकर भी खतरा है। इस मामले को लेकर अदालत ने सीबीआई से जवाब देने के लिए कहा है। मामला 23 जुलाई को बहस के लिए रखा गया है। हमने कानूनी आधार पर आवेदन दायर किया है कि गैर जमानती वारंट जारी नहीं जारी किए जाने चाहिए थे।
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चौकसी ने कहा कि उसने कभी जांच से बचने का प्रयास नहीं किया और जांच एजेंसियों की ओर मिले सभी पत्राचार का जवाब दिया है। चौकसी ने कहा कि उसका मामला नीरव मोदी से बिल्कुल भिन्न है। चौकसी ने यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी के खिलाफ सीबीआई की पहली प्राथमिकी के आधार पर उसकी संपत्तियों को कुर्क किया, जबकि उसका इस मामले से कोई लेना देना नहीं था। विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले महीने पीएनबी घोटाले में दायर दूसरे आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया था। लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!