Petrol-Diesel Price Cut: अब उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार राहत देने जा रही है। लेकिन, दूसरी तरफ बात ये निकलकर के आ रही है कि अगर क्रूड ऑयल में दाम घटते हैं तो लंबे समय के लिए लोगों को पेट्रोल और डीजल के रेट में राहत मिल सकती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सचिव पंकज जैन ने बताया कि ऑयल कंपनियों का मानना है कि ईंधन के दाम भारत में कम हो सकते हैं।
कच्चे तेल की कीमतें हाल में लगभग 3 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर आ गया है, जिससे ईंधन की कीमतें कम होने की कुछ उम्मीद जगी है। तेल की कीमतों में इस गिरावट से तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) के लिए लाभ का सौदा होने जा रहा है, अब इससे देशवासियों को सुविधा मिलेगी। कीमतों में कटौती के माध्यम से उपभोक्ताओं को लाभ सीधे तौर पर मिलेगा।
Petrol-Diesel Price Cut: अगर वैश्विक तौर पर क्रूड ऑयल के दाम घटते हैं तो सीधे तौर पर माना जा रहा है कि देश में ईंधन की कीमतें घट जाएंगी। इससे आमजन को अच्छा खासा फायदा लंबे समय तक मिलेगा। इस बात की उम्मीद पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से जाहिर की गई।
साल 2021 के दिसंबर महीने के बाद अंतरराष्ट्रीय ऑयल में क्रूड ऑयल की कीमत लगभग प्रति बैरल 70 डॉलर गिरा। वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार से प्राइस में कमी आ सकती है, क्योंकि फ्यूल की मांग में भी कमी आई है। क्रूड ऑयल के दाम गिरने से केंद्र सरकार द्वारा चलने वाली कंपनियां, ईंधन रिटेलर्स को मार्जिन में बड़े अंतर के साथ फायदा होगा। साथ में पेट्रोल और डीजल की सेल बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही।
हालांकि, इस पर केंद्र सरकार पास से मॉनिटर कर रही है। पिछले साल में लोकसभा चुनावों से पहले इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर 2 रुपए सीधे घटा दिए गए थे।
भारत में ईंधन की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, कुछ राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक है, और डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है। इन ऊंची कीमतों का मुद्रास्फीति पर प्रभाव पड़ता है, क्योंकि ईंधन का उपयोग परिवहन, खाना पकाने और टायर और विमानन जैसे विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।