Petrol-Diesel Price Today: पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें, जो रोज़मर्रा के खर्चों को सीधे प्रभावित करती हैं, देश की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा रोज़ाना सुबह 6 बजे घोषित की जाती हैं। अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर-रुपये की विनिमय दर में बदलाव के आधार पर दरों में संशोधन किया जाता है। 2 अक्टूबर को, भारत का ईंधन बाजार लगभग अपरिवर्तित रहा। मुंबई में पेट्रोल की कीमत ₹103.50 प्रति लीटर थी, जबकि डीज़ल ₹92.02 प्रति लीटर बिका।
पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतें
शहर पेट्रोल (₹/लीटर) डीजल (₹/लीटर)
दिल्ली 94.72 87.75मुंबई 104.21 92.15कोलकाता 103.94 90.76चेन्नई 100.75 92.34अहमदाबाद 94.49 90.17बेंगलुरु 102.92 89.02हैदराबाद 107.46 95.70जयपुर 104.72 90.21लखनऊ 94.69 87.80पुणे 104.04 90.57चंडीगढ़ 94.30 82.45इंदौर 106.48 91.88पटना 105.58 93.80नोएडा 94.66 87.75नासिक 95.50 87.75
किस शहर में सबसे कम कीमत है?
आज, मुंबई में तेल की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई, पेट्रोल ₹104.21 और डीज़ल ₹92.15 पर है। बेंगलुरु में, पेट्रोल की कीमतें अपरिवर्तित रहीं, जबकि डीज़ल की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई। चंडीगढ़ में पेट्रोल की कीमत सबसे कम ₹94.30 प्रति लीटर है, जबकि दिल्ली में यह ₹94.72 प्रति लीटर है। चंडीगढ़ में डीज़ल भी सबसे सस्ता ₹82.45 प्रति लीटर है, जो सभी प्रमुख शहरों में सबसे कम है।
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में बदलाव
तेल की कीमतें वैश्विक बाज़ारों, कच्चे तेल की कीमतों, करों और परिवहन लागत के आधार पर रोज़ाना बदलती हैं। यही कारण है कि एक ही दिन में भी राज्यों और शहरों में ईंधन की कीमतें अलग-अलग होती हैं। अगर आप रोज़ाना सफ़र करते हैं या इस सप्ताहांत लंबी ड्राइव की योजना बना रहे हैं, तो आज की पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें आपके बजट को सीधे प्रभावित कर सकती हैं।
ईंधन की कीमतें निर्धारित करने वाले कारक
कच्चे तेल की कीमतें:पेट्रोल और डीज़ल मुख्य रूप से कच्चे तेल से उत्पादित होते हैं। जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर भारतीय बाज़ार पर पड़ता है।
डॉलर के मुकाबले रुपया:भारत अपना ज़्यादातर कच्चा तेल आयात करता है, और इसे डॉलर में खरीदा जाता है। अगर रुपया कमज़ोर होता है, तो ईंधन महंगा हो जाता है।
सरकारी कर और शुल्क:केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीज़ल पर भारी कर लगाती हैं, जो खुदरा मूल्य का एक बड़ा हिस्सा होता है। यही कारण है कि राज्यों में कीमतों में अंतर होता है।
शोधन लागत:कच्चे तेल को उपयोगी बनाने की प्रक्रिया (शोधन) में भी लागत आती है। यह लागत कच्चे तेल की गुणवत्ता और रिफ़ाइनरी की क्षमता पर निर्भर करती है।
माँग और आपूर्ति संतुलन:अगर बाज़ार में ईंधन की माँग बढ़ती है, तो कीमतें भी बढ़ जाती हैं। त्योहारों, गर्मी या सर्दियों के दौरान ईंधन की खपत ख़ास तौर पर ज़्यादा होती है।