नई दिल्ली, तीन सितंबर: राफेल डील को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हो रही है। लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार इसी बीच एक और बड़ा रक्षा सौदा करने की योजना बना रही है। खबरों के मुताबिक केन्द्र सरकार ने 114 नए फाइटर जेट्स के अधिग्रहण को मंजूरी देने की पूरी तैयारी कर ली है।
इसे 20 अरब डॉलर यानी करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये वाले रक्षा सौदे को महाडील कहा जा रहा है। गौरतलब है कि राफेल डील, जो 59,000 करोड़ रुपये में किया गया है, विपक्ष उसे ही काफी मंहगा बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि उसने महंगे रेट पर यह डील की है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, निर्मला सीतारमन के नेतृत्व वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद इस महीने या फिर अगले महीने की शुरुआत में इस फाइटर जेट वाली डील के लिए हामी भर सकती है। इस डील के तहत कॉन्ट्रैक्ट होने के तीन या पॉंच साल के भीतर 18 जेट उड़ने की स्थिति में भारत आएंगे।
खबरों के मुताबिक इसके साथ ही बाकी फाइटर जेट्स को स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के तहत भारत में तैयार भी किया जाएगा। इसके लिए कुछ विदेशी विमान कंपनियों और भारतीय कंपनियों साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करेंगी।
इस बीच सबसे मजेदार बात यह है कि इस सौदे से भारत में रूसी सुखोई-35 फाइटर जेट भी शामिल हो गया है। अप्रैल 2018 में भारतीय एयरफोर्स की ओर से जारी रिक्वेस्ट फॉर इन्फर्मेशन( (RFI) और शुरुआती टेंडर के आधार पर अपनी बोली जमा की थी।
सुखोई के साथ-साथ इस प्रॉजेक्ट के लिए एफ/ए-18 और एफ-16 (US), ग्रिपेन-E (स्वीडन), मिग-35 (रूस), यूरोफाइटर टाइफून और राफेल ने भी इसके लिए अपनी बोलियां जमा कराई हैं।