Mumbai-Nagpur Samridhi Expressway: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे एक निर्णायक परियोजना साबित होगी, जो दोनों शहरों के बीच की दूरी घटाएगी और इससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शनिवार को घोषणा की थी कि इस परियोजना के नागपुर से शिरडी तक के हिस्से का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को करेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के लिए शिंदे नागपुर में थे।
मुख्यमंत्री ने नागपुर हवाई अड्डा पर संवाददाताओं से कहा कि 11 दिसंबर को यह खुशी का क्षण होगा, क्योंकि एक्सप्रेसवे का नागपुर से शिरडी तक 520 किलोमीटर लंबा हिस्सा यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। शिंदे ने कहा,‘‘मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे एक निर्णायक परियोजना साबित होगी। 18 घंटे का सफर घटकर छह-सात घंटे का रह जाएगा।
मुंबई और नागपुर के बीच की दूरी घट जाएगी और दोनों शहरों के बीच व्यापार बढ़ेगा। इससे किसानों को भी फायदा होगा। ’’ उन्होंने कहा कि इस परियोजना से कम से कम 10 जिलों को प्रत्यक्ष और 14 को अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे देश में समृद्धि लाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा,‘‘इससे मुझे संतुष्टि मिलती है कि परियोजना का नाम हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे के नाम पर रखा गया है।’’ गौरतलब है कि 49,250 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा 701 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे 11 जिलों के 392 गांवों से होकर गुजरता है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 दिसंबर को यहां मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे। फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नागपुर से शिरडी तक पूरे हुए हिस्से का उद्घाटन करेंगे, जबकि एक्सप्रेस-वे का शेष हिस्सा अगले छह महीने में बनकर तैयार हो जाएगा।
नागपुर से शिरडी तक 500 किलोमीटर की दूरी का उद्घाटन करेंगे, जो पूरा हो चुका है और शेष खंड छह महीने में पूरा हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे मार्ग पर एक नया आर्थिक गलियारा बनेगा और इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से 14 जिलों को एकीकृत करके बंदरगाह से जोड़ा जाएगा।
फड़नवीस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह एक्सप्रेस-वे विदर्भ, मराठवाड़ा और पूरे महाराष्ट्र में 'समृद्धि' लाएगा।’’ इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण 49,250 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह 701 किलोमीटर लंबा है और 11 जिलों के 392 गांवों से होकर गुजरता है।