सरकार सितंबर के पहले सप्ताह तक दो प्रोत्साहन योजनाओं, एमईआईएस और एसईआईएस के तहत निर्यातकों के लंबित बकाये का समाधान कर लेगी। एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यातक भारत से वस्तु निर्यात योजना (एमईआईएस) और भारत से सेवा निर्यात योजना (एसईआईएस) के तहत लाभ प्राप्त करते थे। एमईआईएस पिछले साल खत्म हो गयी। वाणिज्य सचिव बी वी आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि एमईआईएस (दो वर्ष), एसईआईएस (एक वर्ष) और टार्गेट प्लस योजना की राशि बकाया हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "यह एक बहुत बड़ी राशि है ... हम वित्त (मंत्रालय) के साथ काफी करीब से काम कर रहे हैं। हमें 15 दिन का समय दें। सितंबर के पहले सप्ताह तक, हम एमईआईएस और एसईआईएस दोनों के बकाया के समाधान के साथ सामने आएंगे।" सचिव ने कहा कि लंबित भुगतान शायद रुक-रुककर हो, "लेकिन (हम) इसे इस तरह से देंगे कि लोग (निर्यातक) इसे जल्दी भुना सकें।" निर्यातक इन योजनाओं के तहत बकाया राशि जल्द से जल्द जारी करने की कई बार मांग कर चुके हैं। सचिव ने कहा कि निर्यातित उत्पादों पर शुल्कों और करों की वापसी (आरओडीटीईपी) योजना ही मंत्रालय के लिये निर्यात संवर्धन की अग्रणी योजना बनने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘एक या फिर दो अन्य योजनायें हैं, जो कि निर्यात को समर्थन देंगी। आगामी कुछ सप्ताह में हम उनकी घोषणा करेंगे।’’ सचिव ने कहा कि सरकार निर्यातकों के सभी मुद्दों पर काम कर रही है। इसमें लाजिस्टिक्स और अन्य मुद्दे भी शामिल हैं। ‘‘सरकार तय प्रक्रिया के मुताबिक सभी समस्याओं तक पहुंच रही है।
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