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एक्शन में बाजार नियामक सेबी, समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है मामला

By भाषा | Updated: October 29, 2020 18:30 IST

समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने कई योजनाओं की पेशकश की थी, जिसके तहत लोगों से पैसा जुटाया गया।

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ठळक मुद्देनियामक ने पाया कि कंपनी इस प्रकार की सामूहिक निवेश योजनाएं जारी कर कोष जुटाने में लगी थी।लोगों से पैसे बकरी/भैंस की खरीद और पालन कारोबार के नाम पर जुटाये गये।कंपनी से अक्टूबर 2017 तक 11.97 लाख ग्राहक जुड़े थे और उन निवेशकों को देय राशि 122 करोड़ रुपये से अधिक थी।

नई दिल्लीः बाजार नियामक सेबी ने बिना पंजीकरण के सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के जरिये कोष जुटाने को लेकर समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया लि. और तीन अन्य पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। कंपनी ने कई योजनाओं की पेशकश की थी, जिसके तहत लोगों से पैसा जुटाया गया।

लोगों से पैसे बकरी/भैंस की खरीद और पालन कारोबार के नाम पर जुटाये गये। नियामक ने पाया कि कंपनी इस प्रकार की सामूहिक निवेश योजनाएं जारी कर कोष जुटाने में लगी थी। जबकि इसके लिये भारती प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से कोई मंजूरी नहीं ली गयी।

सेबी ने बृहस्पतिवार को एक आदेश में कहा कि कंपनी से अक्टूबर 2017 तक 11.97 लाख ग्राहक जुड़े थे और उन निवेशकों को देय राशि 122 करोड़ रुपये से अधिक थी। सेबी ने अक्टूबर 2013 में अंतरिम आदेश के जरिये कंपनी तथा उसके निदेशकों को मौजूदा योजनाओं के तहत राशि नहीं जुटाने का निर्देश दिया था।

साथ ही जुटायी गयी राशि दूसरी जगह अंतरित करने से मना किया था। हालांकि कंपनी के बैंक खाते का ब्योरा देखने के बाद यह पाया गया कि निर्देश के बावजूद कंपनी न केवल निवेशकों से पैसा जुटाती रही बल्कि बैंक खातों में धन को दूसरी जगह स्थानांतरित भी करती रही।

सेबी ने अपने आदेश में कहा कि निर्देशों का पालन नहीं कर कंपनी तथा तीन अन्य लोगों ने सीआईएस कानून और पीएफयूटीपी (धोखाधड़ी तथा अनुचित व्यापार गतिविधियां) नियमों का उल्लंघन किया। इसके आधार पर नियामक ने समृद्ध जीवन फूड्स इंडिया, महेश किशन मोतेवार, वैशाली महेश मोतेवार और राजेन्द्र पांडुरंग भंडारी पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

रिजर्व बैंक ने नियमों के उल्लंघन पर डीसीबी बैंक पर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

निजी क्षेत्र के डीसीबी बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि रिजर्व बैंक ने उसके ऊपर 22 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उसने कहा कि यह जुर्माना वित्तीय उत्पादों के विपणन नियमों का उल्लंघन करने पर लगाया गया। डीसीबी बैंक ने बीएसई को भेजी सूचना में बताया कि रिजर्व बैंक के 28 अक्टूबर को जारी आदेश में यह जुर्माना लगाया गया है।

उसने कहा, रिजर्व बैंक ने .... ‘‘बैंकों के द्वारा म्यूचुअल फंड या बीमा जैसे उत्पादों के विपणन व वितरण’ को लेकर जारी परिपत्र में निर्देशित कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर डीसीबी बैंक के ऊपर 22 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। रिजर्व बैंक की ओर से उक्त परिपत्र 16 नवंबर 2009 को जारी किया गया था।’’ रिजर्व बैंक ने आदेश में कहा है कि यह जुर्माना बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के तहत रिजर्व बैंक को दी गयी शक्तियों का इस्तेमाल करते लगाया गया है।

टॅग्स :मुंबईइकॉनोमीनिर्मला सीतारमण
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