नई दिल्लीः सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से आठ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में पिछले सप्ताह सामूहिक रूप से दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आई। शेयर बाजार में कमजोरी के रुख के बीच सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ। शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार आठवें कारोबारी सत्र में गिरावट का सिलसिला जारी रहा। आठ कारोबारी सत्रों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,644.6 अंक या 3.36 प्रतिशत टूटा है, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 810 अंक या 3.41 प्रतिशत का नुकसान रहा है।
समीक्षाधीन सप्ताह में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फाइनेंस और आईटीसी के मूल्यांकन में सामूहिक रूप से 2,03,952.65 करोड़ रुपये की गिरावट आई। वहीं भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन बढ़ गया।
सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 67,526.54 करोड़ रुपये घटकर 16,46,822.12 करोड़ रुपये रह गया। टीसीएस का मूल्यांकन 34,950.72 करोड़ रुपये घटकर 14,22,903.37 करोड़ रुपये पर आ गया। एचडीएफसी बैंक की बाजार हैसियत 28,382.23 करोड़ रुपये घटकर 12,96,708.35 करोड़ रुपये पर और आईटीसी की 25,429.75 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ 5,13,699.85 करोड़ रुपये रह गई। इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 19,287.32 करोड़ रुपये घटकर 7,70,786.76 करोड़ रुपये पर आ गया।
एसबीआई की बाजार हैसियत 13,431.55 करोड़ रुपये घटकर 6,44,357.57 करोड़ रुपये रह गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 10,714.14 करोड़ रुपये घटकर 5,44,647 करोड़ रुपये पर आ गया। बजाज फाइनेंस का मूल्यांकन 4,230.4 करोड़ रुपये घटकर 5,20,082.42 करोड़ रुपये रह गया। इस रुख के उलट भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 22,426.2 करोड़ रुपये बढ़कर 9,78,631.54 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 1,182.57 करोड़ रुपये बढ़कर 8,88,815.13 करोड़ रुपये हो गया।
शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, एसबीआई, हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फाइनेंस और आईटीसी का स्थान रहा।
वैश्विक रुख, एफपीआई की गतिविधियों से तय होगी शेयर बाजार की दिशा : विश्लेषक
कंपनियों का तिमाही नतीजों का सीजन समाप्त होने के बाद इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी कोषों की लगातार निकासी, कंपनियो के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजों और वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध की आशंका से पिछले सप्ताह शेयर बाजारों की धारणा प्रभावित हुई। शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी लगातार आठवें कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन समाप्त होने के साथ अब बाजार की निगाह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों की वजह से पैदा हुए हालात और वैश्विक घटनाक्रमों पर रहेगी।’’
इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘तिमाही नतीजों का सीजन समाप्त होने के साथ अब बाजार की निगाह आगे के संकेतों के लिए एफपीआई के प्रवाह और मुद्रा के उतार-चढ़ाव पर रहेगी।
इसके साथ ही अमेरिकी शुल्क और वैश्विक व्यापार पर इसका प्रभाव भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।’’ सप्ताह के दौरान फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा भी जारी किया जाएगा। एंजल वन लिमिटेड के वरिष्ठ विश्लेषक - तकनीकी और डेरिवेटिव्स ओशो कृष्णन ने कहा, ‘‘घरेलू मोर्चे पर घटनाक्रमों के अभाव में वैश्विक रुझान बाजार की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।’’ पिछले आठ कारोबारी सत्रों में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 2,644.6 अंक या 3.36 प्रतिशत टूटा है।
वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 810 अंक या 3.41 प्रतिशत के नुकसान में रहा है। मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, ‘‘बाजार में कई कारणों से गिरावट आई है। इसमें प्रमुख कारक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा व्यापारिक भागीदार देशों पर ऊंचा शुल्क लगाने की घोषणा है। इसके अलावा कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों तथा विदेशी निवेशकों की सतत निकासी से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई है।’’