मुंबईः अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में अमेरिका की दिग्गज कंपनी केकेआर 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। KKR ने डिजिटल इकाई रिलायंस इंडस्ट्रीज में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। केकेआर ने इस करार में रिलायंस समूह की डिजिटल कारोबार इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स को शेयर के हिसाब से कुल 4.91 लाख करोड़ रूपये मूल्य का आंका है। भारत की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी Jio ने पिछले चार सप्ताह के भीतर यह पांचवीं डील की है।
अब तक कुल पांच बड़े निवेशकों द्वारा जियो प्लेटफॉर्म्स में कुल 78,562 करोड़ रूपये का निवेश हो चुका है। इससे पहले Jio Platforms ने फेसबुक, सिल्वर लेक पार्टनर्स, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स और जनरल अटलांटिक सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी निवेशकों से 67,194.75 करोड़ रुपये जुटाए थे।
अमेरिका की अग्रणी निवेश कंपनी जनरल अटलांटिक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में अल्पांश हिस्सेदारी के लिए करीब छह हजार छह सौ करोड़ रुपये का निवेश किया है। जनरल अटलांटिक ने उसकी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.34 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 6,598.38 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह जनरल अटलांटिक का एशिया की किसी भी कंपनी अभी तक का सबसे बड़ा निवेश होगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “दुनिया के सबसे सम्मानित वित्तीय निवेशकों में से एक केकेआर का एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है। केकेआर भारतीय डिजिटल इको सिस्टम में बदलाव की हमारी यात्रा का हमसफर बनेगा। यह सभी भारतीयों के लिए लाभप्रद होगा। केकेआर , भारत में एक प्रमुख डिजिटल सोसाइटी के निर्माण के हमारे महत्वाकांक्षी लक्ष्य को साझा करता है। एक महत्वपूर्ण भागीदार होने का केकेआर का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। हम जियो को आगे बढ़ाने के लिए केकेआर के वैश्विक प्लेटफॉर्म, इंडस्ट्री की जानकारियां और परिचालन विशेषज्ञता का लाभ उठाने की उम्मीद करते हैं।”
इससे पहले जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक ने 43,574 करोड़ रुपये में 9.99 प्रतिशत, सिल्वर लेक ने 5,665.75 करोड़ रुपये में 1.15 प्रतिशत और विस्टा इक्विटी ने 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। अंबानी ने पिछले साल अगस्त में लक्ष्य तय किया था कि उन्हें मार्च 2021 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज को कर्ज मुक्त कंपनी बनाना है। इन सौदों को देखते हुए अंबानी का लक्ष्य इसी साल दिसंबर तक पूरा हो जाने का अनुमान है।
मार्च तिमाही के अंत में रिलायंस के पास 1,75,259 करोड़ रुपये की नकदी थी और उसके ऊपर 3,36,294 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। इस तरह मार्च अंत में कंपनी पर कुल शुद्ध कर्ज भार 1,61,035 करोड़ रुपये था।