जम्मूः कश्मीरियों के लिए वाकई खुशी के पल हैं कि एक लंबे अरसे के बाद कश्मीर में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी उछाल आया है। हालांकि प्रशासन कहता है यह जी-20 की बैठक का नतीजा है। इस साल अभी तक चाहे रिकार्ड तोड़ 1.27 करोड़ देसी पर्यटकों ने अभी तक जम्मू कश्मीर का दौरा किया है।
पर कश्मीरियों को सबसे ज्यादा खुशी विदेशी पर्यटकों के आने से हो रही है, चाहे विदेशी पर्यटकों की संख्या मुट्ठी भर ही है। पर अभी तक कनाडा और अमेरिका द्वारा अपने नागरिकों पर जम्मू कश्मीर जाने पर लगाई गई पाबंदियों को न हटाए जाने से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखती हैं।
इस साल अभी तक कोई ज्यादा विदेशी पर्यटक कश्मीर नहीं आए। इनकी संख्या 18000 के लगभग है जो पिछले एक दशक में बहुज ज्यादा मानी जा रही है। हालांकि आने वाले कुल पर्यटकों की संख्या के मुकाबले यह आंकड़ा ऊंट के मुंह में जीरे के समान ही है। यह आंकड़ा जनवरी से अगस्त के अंत तक का है।
पर वे देसी पर्यटकों की संख्या के आगे भारी इसलिए पड़ते थे क्योंकि जहां देसी पर्यटक 3 से 5 दिनों तक ही कश्मीर में रुकते थे तो विदेशी पर्यटक कम से कम दो सप्ताह और कभी कभी तीन महीने तक का कार्यक्रम बना कश्मीर की खूबसूरत वादियों का नजारा ले रहे हैं। यही नहीं खर्च के मामले में भी विदेशी पर्यटक सबसे आगे माने जाते हैं।
एक हाउसबेाट वाले रियाज अहमद के बकौल, देसी पर्यटकों का बजट कुछ भी नहीं होता है पर विदेशी पर्यटक जन्नत का नजारा लुटने को लूटने को भी तैयार रहते हैं। यही कारण है कि कश्मीर में जब से आतंकवाद फैला है तबसे लेकर अब तक तत्कालीन सरकारों का जोर ज्यादा से ज्यादा विदेशी पर्यटकों को कश्मीर की ओर आकर्षित करने का इसलिए रहा था।
ताकि वे कश्मीर की अर्थव्यवस्था को ढर्रे पर लाने में योगदान दे सकें। यह बात अलग है कि इस साल जनवरी में यहां मात्र 260 विदेशी पर्यटकों नंे कश्मीर का रुख किया था वह संख्या अगस्त के अंत तक आते आते 18 हजार को पार कर गई।
पर अभी तक कनाडा और अमेरिका जैसे देशों द्वारा अपने नागरिकों के कश्मीर की ओर जाने से आगाह किए जाने के कारण कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कश्मीरी चिंता में हैं। उनकी संख्या अर्थ व्यवस्था को लेकर है। जबकि यह भी सच्चाई है कि अभी भी कुछेक अन्य देशों द्वारा अपने नागरिकों की कश्मीर यात्रा प्रतिबिंधित है। इस प्रतिबंध को इतने सालों से हटवा पाने में भारत सरकार कामयाब नहीं हो पाई है।