नई दिल्ली: बढ़ती गर्मियों के बीच अब मार्केट में आम के दिन आ चुके हैं। इसे लेकर लोगों के बीच फलों के राजा को लेकर रौचकता का माहौल देखने को मिलता है। यह पूरी तरह से भारत के विभिन्न सांस्कृतिक के रूप में भी नजर आता है, जहां आम की अलग-अलग वैराएटी की उत्पादकता पर निर्भर करता है और उसी अनुरूप भारत भर में इसकी बिक्री होती है। राष्ट्रीय हॉट्रीकल्चरल बोर्ड के अनुसार, भारत में आम की करीब 1,500 किस्म की बिक्री होती है। घरेलू आम की किस्मों के अतिरिक्त भारतीय किसान जापान के मियाजाकी आम को भी बेचते हैं, जो विश्व में काफी फेमस है। मियाजाकी आम की एक दुर्लभ किस्म है जो लाल या बैंगनी रंग की होती है।
आमतौर पर भारत भर में आम की कीमत 100 से 200 रु प्रति किलोग्राम तक रहती है। हालांकि, जापान के इस आम के किस्म की कीमत करीब 2.5 लाख प्रति किलोग्राम है। इसकी खेती भारत के कुछ हिस्सों में होती है। मियाजाकी आम भारत के कुछ खेतों में उगाया जाता है और यह जापान में सबसे प्रसिद्ध फलों में से एक है। पिछले साल, मियाजाकी आम की किस्म को सिलीगुड़ी और रायपुर में एक आम महोत्सव में प्रदर्शित किया गया था।
मियाजाकी आम कहाँ से आया?
आम मूल रूप से जापान में उगाए जाते हैं, जहां उष्णकटिबंधीय फल मीजेई काल (1868 - 1912) के दौरान आए थे। फल की बड़े पैमाने पर खेती 1970 में शुरू हुई। आम की इस किस्म की मलाईदार बनावट, स्वादिष्ट खुशबू और रसदार गूदे ने इसे जापान में सबसे लोकप्रिय फलों में से एक बना दिया है। पारंपरिक आमों की तुलना में मियाजाकी आमों की भरपूर मिठास एक अमिट अनुभव है। मियाज़ाकी आम प्रचुर धूप वाले क्षेत्रों में उगाए जाते हैं। आम की यह दुर्लभ किस्म जापान के मियाजाकी शहर में प्रमुखता से उगाई जाती है। यह शहर अपने गर्म मौसम और लंबे समय तक धूप के लिए जाना जाता है। अन्य फल जो शहर में बहुतायत में पैदा होते हैं वे हैं ह्युगानात्सू, किंकन (कुमक्वैट) और लीची है।