नई दिल्लीः वाहन विनिर्माता कंपनी रेनो इंडिया कच्चे माल की बढ़ती लागत से निपटने के लिए जनवरी से गाड़ियों के दाम दो प्रतिशत तक बढ़ाएगी। रेनो भारतीय बाजार में अपने तीन मॉडल क्विड, ट्राइबर और काइगर बेचती है। वाहन विनिर्माता कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘कीमतों में बढ़ोतरी विभिन्न मॉडल और संस्करणों में अलग-अलग होगी।
कच्चे माल की बढ़ती लागत तथा मौजूदा व्यापक आर्थिक कारकों के कारण यह जरूरी हो गया है।’’ बयान में कहा गया कि संशोधन के बावजूद कंपनी ग्राहकों के लिए आकर्षक मूल्य प्रस्ताव सुनिश्चित करते हुए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। यूरो के मुकाबले रुपये के कमजोर होने के कारण मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसे ब्रांड ने पहले ही अगले महीने से वाहन की कीमतें बढ़ाने की घोषणा कर चुके हैं।
जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर जनवरी से वाहनों की कीमतों में दो प्रतिशत तक की करेगी बढ़ोतरी
जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया ने कच्चे माल की लागत के असर की भरपाई के लिए जनवरी से अपने वाहनों की कीमतों में दो प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की बृहस्पतिवार को जानकारी दी। मोटर वाहन विनिर्माता कंपनी ने बयान में कहा कि कीमतों में यह बढ़ोतरी एक जनवरी 2026 से प्रभावी होगी।
मॉडलों व संस्करण के अनुसार बढ़ोतरी अलग-अलग होगी। इसमें कहा गया कि कच्चे माल की लागत में वृद्धि और अन्य व्यापक आर्थिक कारकों के कारण यह वृद्धि की जा रही है। लक्जरी कार विनिर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज इंडिया और बीएमडब्ल्यू ने भी अगले महीने से वाहनों की कीमतें बढ़ाने की घोषणा की है।
मर्सिडीज जनवरी से वाहनों के दाम दो प्रतिशत तक बढ़ाएगी
लक्जरी कार बनाने वाली मर्सिडीज-बेंज इंडिया जनवरी से वाहनों की कीमत दो प्रतिशत तक बढ़ाएगी। वाहन विनिर्माता यूरो के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट के प्रभाव को कम करने के लिए यह कदम उठा रही है। कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने कहा कि कीमतों में दो प्रतिशत की सीमा तक की गिरावट 2025 के दौरान लक्जरी वाहन बाजार में व्याप्त निरंतर विदेशी मुद्रा दबाव को दर्शाती है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा, "मुद्रा संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियां इस वर्ष हमारी अपेक्षा से अधिक समय तक बनी रही, यूरो लगातार 100 रुपये के ऊपर कारोबार कर रहा है। इस दीर्घकालिक अस्थिरता का असर स्थानीय उत्पादन के लिए आयातित कल-पुर्जों से लेकर पूरी तरह से विनिर्मित इकाइयों तक पड़ता है।’’
कंपनी ने कहा कि कच्चे माल की लागत, वस्तुओं की कीमतों और लॉजिस्टिक खर्चों में बढ़ोतरी, साथ ही मुद्रास्फीति के दबाव ने उसके मुनाफे पर भारी असर डाला है, जिससे कीमतों में संशोधन आवश्यक हो गया है। अय्यर ने कहा, "आरबीआई द्वारा रेपो दर में लगातार की जा रही कटौती के कारण, मर्सिडीज-बेंज फाइनेंशियल सर्विसेज अंतिम ग्राहकों तक इन फायदों को पहुंचा पा रही है,
जिससे कीमत बढ़ोतरी के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा रहा है।" बृहस्पतिवार को बीएमडब्ल्यू इंडिया ने घोषणा की कि वह जनवरी से वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है क्योंकि भारतीय रुपया यूरो के मुकाबले कमजोर हो रहा है।