नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णणुदेव साय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में जीएसटी में जो सुधार किए गए हैं, वह देश के 150 करोड़ लोगों के जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आया है। यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रेसवार्ता में साय ने कहा कि जीएसटी अब वास्तव में एक 'अच्छा और सरल कर' बन गया है।
साय ने कहा, ‘‘101 वें संविधान संशोधन द्वारा एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले तक भारत में 17 प्रकार के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। प्रत्यक्ष कर की बातें करें तो आयकर की दर तो एक समय अधिकतम 97.5 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। पिछले वर्ष 12 लाख सालाना की आय को टैक्स फ्री किया गया।
अब जीएसटी में चार स्लैब के बदले दो ही स्लैब रखने, सभी उपयोगी वस्तुओं पर कर शून्य करने और अनेक उत्पादों में कर 10 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है।’’ मुख्यमंत्री का कहना है कि नये सुधार से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा।
रोजमर्रा की अनेक वस्तुएं जैसे तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन, पनीर, सिलाई मशीन से लेकर ट्रैक्टर एवं उसके कलपुर्जे तथा अन्य कृषि उपकरण और व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा, शैक्षणिक वस्तुओं के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक व ऑटोमोबाइल उत्पादों को किफायती बनाया गया है। जीएसटी कम होने का लाभ वस्त्र उद्योग को विशेष रूप से निर्यात के लिए होगा। 90 प्रतिशत वस्तुएं सस्ती हो गई हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने जगदलपुर में ‘जयपुर फुट’ केंद्र का उद्घाटन किया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में 'जयपुर फुट' (कृत्रिम अंग) बनाने वाली संस्था भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बीएमवीएसएस) के 36वें स्थायी केंद्र का उद्घाटन किया। संस्था के मीडिया सलाहकार प्रकाश भंडारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भंडारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को केंद्र का उद्घाटन किया।
जयपुर फुट की निर्माण प्रक्रिया का निरीक्षण किया। ‘जयपुर फुट’ भारत के अलावा 44 देशों में मौजूद है। भंडारी ने बताया कि संस्था ने अब तक भारत और विदेशों में 24 लाख लोगों का पुनर्वास किया है। बीएमवीएसएस के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डी आर मेहता ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर और अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में 12 जयपुर फुट शिविर आयोजित किए गए।
दिव्यांगों को जयपुर फुट एवं अन्य सहायक उपकरण प्रदान किए गए। मेहता ने बताया कि ऐसे अशांत इलाकों में शिविर लगाना एक चुनौती थी, लेकिन बीएमवीएसएस के तकनीशियनों और अधिकारियों ने जिला प्रशासन की मदद से दिव्यांगों के पुनर्वास का बीड़ा उठाया।