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केंद्र सरकार विभिन्न योजनाओं के लिए जल्द शुरू करेगी साझा पोर्टल ‘जन समर्थ’

By भाषा | Updated: May 29, 2022 15:51 IST

नरेंद्र मोदी सरकार के ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ के दृष्टिकोण के अनुरूप नए पोर्टल ‘जन समर्थ’ की शुरुआत में सरकार की ऋण से जुड़ी 15 योजनाओं को शामिल किया जाएगा।

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ठळक मुद्देकेंद्र सरकार विभिन्न मंत्रालयों द्वारा संचालित योजनाओं के लिए साझा पोर्टल ‘जन समर्थ’ शुरू करेगी नए पोर्टल पर शुरुआत में सरकार की ऋण से जुड़ी 15 योजनाओं को शामिल किया जाएगाप्रस्तावित पोर्टल का उद्देश्य केंद्र की सभी योजनाओं को एकल मंच पर लाना है

दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की आपूर्ति के लिए एक साझा पोर्टल ‘जन समर्थ’ शुरू करने जा रही है। सरकार का मानना है कि इस साझा पोर्टल से आम लोगों के जीवन को सुगम किया जा सकेगा।

सूत्रों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ के दृष्टिकोण के अनुरूप नए पोर्टल पर शुरुआत में सरकार की ऋण से जुड़ी 15 योजनाओं को शामिल किया जाएगा।

बताया गया है कि इस पोर्टल का धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा। यह विस्तार पोर्टल के काम करने के आधार पर होगा, क्योंकि केंद्र सरकार प्रायोजित कुछ योजनाओं में कई एजेंसियां शामिल रहती हैं। उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी योजना (सीएलसीएसएस) अलग-अलग मंत्रालयों के तहत आती हैं।

सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित पोर्टल का उद्देश्य इन योजनाओं को एकल मंच पर लाना है। इससे लाभार्थियों की इन योजनाओं तक पहुंच सुगम हो सकेगी। सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का प्रायोगिक (पायलट) परीक्षण चल रहा है। पोर्टल में जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जा रहा है। उसके बाद इस पोर्टल को पेश किया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक और अन्य ऋणदाता पोर्टल का परीक्षण कर रहे हैं।

सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का ढांचा खुला होगा। राज्य सरकारें और अन्य संस्थान भी भविष्य में इस पोर्टल पर अपनी योजनाएं डाल सकेंगे। कर्ज लेने वाले ग्राहकों को राहत के लिए सरकार ने 2018 मे विभिन्न ऋण योजनाओं के लिए एक पोर्टल शुरू किया था। इनमें एमएसएमई, आवास, वाहन और व्यक्तिगत ऋण शामिल है।

इस पोर्टल पर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) और अन्य लोगों के लिए ऋण को विभिन्न सरकारी बैंकों द्वारा 59 मिनट में मंजूरी दी जाती है, जबकि पहले इसमें 20 से 25 दिन का समय लगता था। सैद्धान्तिक मंजूरी के बाद ऋण का वितरण सात-आठ कार्यदिवसों में किया जाता है।

कर्ज की सैद्धान्तिक मंजूरी के लिए एमएसएमई को किसी तरह के दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती। इस मंच को कर्ज लेने वालों की पात्रता की जांच के लिए एमएसई के ऋण गारंटी कोष न्यास (सीजीटीएमएसई) के साथ एकीकृत किया गया है।

इस पोर्टल की शुरुआत के दो माह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों के 37,412 करोड़ रुपये के ऋण के 1.12 लाख ऋण आवेदनों को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी।

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