नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बीएसई के एक इवेंट में एक शेयर मार्केट के एक ब्रोकर से दो-चार होना पड़ा। जहां उस ब्रोकर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आप यानी केंद्र सरकार बाजार के ब्रोकर और इस तरह रियल एस्टेट लेनदेन पर भी भारी भरकम टैक्स लगाते हैं।
इसके साथ उस व्यक्ति ने सरकार से कहा कि आप तो हमारे 'स्लीपिंग पार्टनर' हैं, ब्रोकर ने फिर कहा कि केंद्र इस बिजनेस समुदाय से कई तरह के टैक्स लेते है, जिसमें सीजीएसटी, एसटीटी, लॉन्ग टर्म कैप्टिल गेन टैक्स शामिल है। हालांकि यहां ये समझना जरूरी है कि 'स्लीपिंग पार्टनर' एक ऐसा भागीदार होता है जो पूंजी का योगदान तो देता है, लेकिन व्यवसाय के प्रबंधन में भाग नहीं लेता है उसे स्लीपिंग पार्टनर कहा जाता है।
ब्रोकर ने इवेंट में केंद्रीय मंत्री से सवाल करते हुए कहा कि मैंने सबकुछ निवेश कर दिया है, मैं यहां उस पूरे रिस्क की बात को बता रहा हूं और भारत सरकार सिर्फ मुनाफा लेना जानती है और कुछ नहीं। इस माहौल में हम कैसे काम कर सकते हैं, जहां भार सरकार हमारी स्लीपिंग पार्टनर और मैं सिर्फ वर्किंग पार्टनर जिसकी कोई इनकम नहीं। इसके आगे ये भी उस ब्रोकर ने कहा कि घर खरीदते समय महत्वपूर्ण कर बोझ की ओर भी इशारा किया।
ब्रोकर आगे कहते हैं कि सरकार ने कैश कंपोनेंट को ही घर खरीदारी से हटा दिया है। वर्तमान समय में मुंबई जैसी जगह में घर लेना एक सपने जैसा हो गया है क्योंकि हमारे पास उचित और सही तरीके का पैसा है और हम सरकार को टैक्स दे रहे हैं, अब हमें पैसे की जगह चेक से पेमेंट करना होगा। और अब मेरा बैंक बैलेंस ही सबकुछ हो गया, जहां पर मुझे टैक्स देना होता है।
उन्होंने फिर से बात को दोहराते हुए कहा कि एक घर खरीदने में हमें स्टाम्प ड्यूटी, जीएसटी, जो मुंबई में घर लेने के लिए 11 फीसदी पूरी खरीद का अमाउंट पर टैक्स पड़ता है। इस पर मजाकिए भरे अंदाज में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्लीपिंग पार्टन बैठकर जवाब नहीं देता है।
मध्यम वर्ग के निवेशकों के लिए वकालत करते हुए, सीतारमण ने खुदरा वायदा और विकल्प (F&O) कारोबार में अनियंत्रित विस्फोट को चिह्नित करते हुए कहा कि यह बाजार और घरेलू वित्त के लिए चुनौतियां पैदा कर सकता है। सीतारमण ने कहा, "वायदा और विकल्प (एफएंडओ) के खुदरा व्यापार में कोई भी अनियंत्रित विस्फोट न केवल बाजारों के लिए, बल्कि निवेशकों की भावनाओं और घरेलू वित्त के लिए भी भविष्य की चुनौतियां पैदा कर सकता है।" “घरेलू वित्त ने एक पीढ़ीगत बदलाव किया है। हम इसे सुरक्षित रखना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह टूटे नहीं।''