नई दिल्लीः यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) में तकनीकी समस्या आने के कारण बुधवार को लोगों को डिजिटल माध्यम से लेन-देन में समस्या आई। बड़ी संख्या में उपयोगकर्ताओं ने यूपीआई के जरिये भुगतान में आने वाली समस्याओं के बारे में शिकायत की। Google Pay और अन्य यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। क्योंकि उपयोगकर्ताओं ने Downdetector.com पर बड़े पैमाने पर आउटेज की सूचना दी है। डाउनडिटेक्टर ने दिखाया कि UPI ऐप कथित तौर पर शाम 7:27 बजे से काम नहीं कर रहे थे। यह दूसरी बार है जब उपयोगकर्ताओं ने UPI ऐप का उपयोग करने में परेशानी की सूचना दी है, जिसमें Gpay, Phonepe और भीम UPI शामिल हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ऐप को भी प्रभावित किया था। समस्या के कारण डाउनडिटेक्टर पर शिकायतों में वृद्धि हुई।
डाउनडिटेक्टर उपयोगकर्ता की रिपोर्ट के आधार पर सेवा में समस्याओं की निगरानी करने वाला एक मंच है। भुगतान नियामक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एनपीसीआई को बीच-बीच में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण यूपीआई सेवाएं बाधित हुईं।
यूपीआई एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जिसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दायरे में आने वाली इकाई एनपीसीआई ने विकसित किया है। इसके प्रबंधन का जिम्मा भी एनपीसीआई के पास है। यूपीआई को आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) ढांचागत सुविधा पर बनाया गया है। यह दो पक्षों के बैंक खातों के बीच तुरंत पैसे के अंतरण की सुविधा देता है।
यूपीआई बिना किसी उपयोगकर्ता शुल्क के पैसे के अंतरण की सुविधा प्रदान करता है। उपयोगकर्ता किसी भी समय कितनी भी राशि का अंतरण कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें एनपीसीआई को कुछ भी भुगतान नहीं करना पड़ता है। देश में डिजिटल भुगतान के मामले में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) की लोकप्रियता बनी हुई है।
यूपीआई के जरिये लेन-देन की संख्या 2024 की दूसरी छमाही में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 93.23 अरब पहुंच गई है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। वर्ल्डलाइन की 2024 की दूसरी छमाही की ‘इंडिया डिजिटल भुगतान रिपोर्ट’ के अनुसार, मात्रा और मूल्य के मामले में तीन यूपीआई मंच... फोनपे, गूगल पे और पेटीएम का दबदबा बना हुआ है।
लेन-देन की मात्रा के संदर्भ में, दिसंबर 2024 में, सभी लेन-देन में इन तीनें ऐप की हिस्सेदारी 93 प्रतिशत रही। लेन-देन मूल्य के संदर्भ में, हिस्सेदारी 92 प्रतिशत थी। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘बीते वर्ष की दूसरी छमाही (जुलाई-दिसंबर) में यूपीआई लेनदेन की मात्रा सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 93.23 अरब हो गई।
एक साल पहले इसी अवधि में यह 65.77 अरब थी। इसी अवधि के दौरान, लेनदेन का मूल्य 31 प्रतिशत बढ़कर 1,30,190 अरब रुपये हो गया जो एक साल पहले 2023 की दूसरी छमाही में 99,680 अरब रुपये था। यूपीआई के अलावा, डिजिटल भुगतान के अन्य माध्यमों क्रेडिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड, मोबाइल भुगतान और नेट बैंकिंग शामिल हैं।
वर्ल्डलाइन इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमेश नरसिम्हन ने कहा, ‘‘भारत का डिजिटल भुगतान परिवेश तेजी से विकसित हो रहा है। इसका कारण यूपीआई के व्यापक रूप से अपनाना, पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) बुनियादी ढांचे का विस्तार और मोबाइल लेनदेन को लेकर बढ़ती रुचि तथा प्राथमिकता है...।’’