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Goods and Services Tax GST: छह साल पहले लागू जीएसटी ने आम जनजीवन में क्या किया बदलाव, यहां पढ़े सीतारमण के कार्यालय ने ट्विटर पर क्या लिखा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 30, 2023 15:25 IST

Goods and Services Tax GST: माल एवं सेवा कर 2017 में पेश किया गया था, उस समय मासिक जीएसटी राजस्व 85,000 से 95,000 करोड़ रुपये था। वह बढ़कर अब 1.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है और इसमें वृद्धि जारी है।

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ठळक मुद्देअप्रैल में यह अबतक के उच्चतम स्तर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।कुल मिलाकर इससे परिवारों को मासिक बिल कम करने में मदद मिली है। समाज के नजरिये से हानिकारक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाया जाता है।

Goods and Services Tax GST: सरकार ने शुक्रवार को कहा कि छह साल पहले लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने न केवल नागरिकों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि देश में खपत को गति भी दी है। कुल मिलाकर इससे परिवारों को मासिक बिल कम करने में मदद मिली है।

सरकार ने जीएसटी लागू होने से पहले और बाद में विभिन्न वस्तुओं पर कर दरों की तुलना करते हुए यह बात कही है। उसने यह भी कहा कि जीएसटी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने से लेकर निवेश को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘जीएसटी के क्रियान्वयन ने करदाताओं के लिये कर कानून का पालन करना आसान बना दिया है।

यह बात इस तथ्य से पता चलती है कि जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या एक अप्रैल, 2018 तक 1.03 करोड़ थी। यह बढ़कर एक अप्रैल, 2023 तक 1.36 करोड़ हो गई है।’’ जीएसटी एक जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि को लागू हुआ था। इसमें 13 उपकर समेत उत्पाद शुल्क, सेवा कर और मूल्य वर्धित कर (वैट) जैसे 17 स्थानीय शुल्कों को समाहित किया गया है।

माल एवं सेवा कर के अंतर्गत कर की चार दरें हैं। इसमें आवश्यक वस्तुओं पर कर से या तो छूट है या फिर पांच प्रतिशत की कम दर से कर लगाया जाता है। विलासिता और समाज के नजरिये से हानिकारक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाया जाता है। कर की अन्य दरें 12 फीसदी और 18 फीसदी हैं।

इसके अलावा, सोना, आभूषण और कीमती पत्थरों के लिये 3 प्रतिशत और तराशे तथा पॉलिश किये गये हीरे पर 1.5 प्रतिशत की विशेष दर है। सीतारमण के कार्यालय से किए गए ट्वीट में लिखा है, ‘‘छह साल पहले केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को समाहित कर लागू जीएसटी ने न केवल नागरिकों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि यह देश में खपत को गति देने को लेकर इंजन भी साबित हुआ है।’’ जीएसटी लागू होने से पहले वैट, उत्पाद शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) और उनके व्यापक प्रभाव के कारण एक उपभोक्ता को औसतन 31 प्रतिशत कर देना होता था।

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘जीएसटी के तहत कर की दरें कम होने से हर घर में खुशियां आई है। दैनिक उपयोग की विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी के माध्यम से राहत मिली है।’’ जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में पासा पलटने वाला साबित हुआ है और इसने सभी पक्षों को व्यापक लाभ उपलब्ध कराया है।

सरकार ने कहा कि इससे जो लाभ हुए हैं, उसमें विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी, सभी करदाताओं के लिये समान अवसर और बेहतर अनुपालन के माध्यम से राजस्व वृद्धि शामिल है। जब माल एवं सेवा कर 2017 में पेश किया गया था, उस समय मासिक जीएसटी राजस्व 85,000 से 95,000 करोड़ रुपये था। वह बढ़कर अब 1.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है और इसमें वृद्धि जारी है। इस साल अप्रैल में यह अबतक के उच्चतम स्तर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

टॅग्स :जीएसटीनरेंद्र मोदीNirmal Sitharamanभारत सरकार
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