नई दिल्लीः विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि जी-20 लीडर्स ने आज जिस डिक्लेरेशन पर सहमति व्यक्त की है, वह मजबूत टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह एसडीजी(सतत विकास लक्ष्य) की प्रगति में तेजी लाने का प्रयास करेगा। आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।
जी20 के सदस्य देश ने कहा कि हम एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से जुड़े खतरों को ध्यान में रखते हुए नवोन्मेष समर्थक नियमन/शासन नजरिये को अपनाएंगे, जिससे उसका अधिकतम लाभ हासिल किया जा सके। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को जी20 वित्तीय समावेशन कार्य योजना में भी एकीकृत किया गया है, जो 2024 और 2026 के बीच चलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बहुपक्षीय विकास बैंक(MDB) को मजबूत करने पर जी-20 स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की स्थापना की गई थी और इसने अपना खंड-1 प्रस्तुत किया है। उनकी रिपोर्ट में 2 खंड हैं, पहला खंड पहले ही प्रस्तुत किया जा चुका है। रिपोर्ट एक ट्रिपल एजेंडे की सिफारिश करती है जो बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी MDBs के आह्वान के साथ मेल खाता है।
एमडीबी को मजबूत करने का तीसरा बिंदु विश्व बैंक की वित्तपोषण क्षमता को बढ़ाने की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने पर समझौता है। बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक(MDB) की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की गई। दुनिया भर से विकासात्मक मांगें बहुत बढ़ रही हैं, इसलिए इन संस्थानों को बेहतर और बड़ा बनाना होगा।