दिल्ली: देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी की पत्नी ने दिल्ली के बेहद महंगे और पॉश इलाकों में सबसे प्रमुख कहे जाने वाले गोल्फ लिंक्स में 160 करोड़ रुपये का बंगला खरीदा है। रोहतगी परिवार ने इस बंगले को खरीदने के लिए जो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कराया है। उससे पता चला है कि बंगले का रजिट्रेशन मुकुल रोहतगी की पत्नी के नाम पर 24 फरवरी को किया गया और इस खरीद पर रोहतगी परिवार ने स्टांप शुल्क के तौर पर 6.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। समाचार वेबसाइट मनीकंट्रोल के अनुसार रोहतगी परिवार द्वारा खरीदी गई संपत्ति के दस्तावेज बताते हैं कि 160 करोड़ रुपये में भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने अपनी पत्नी वसुधा रोहतगी के नाम से दिल्ली के गोल्फ लिंक्स में 2,160 वर्ग गज का बंगला लिया है। बंगले की सेल डीड से पता चलता है कि बंगले का प्लॉट एरिया 1806.35 वर्ग मीटर है और पूरी बिल्डिंग का कवर्ड एरिया 1869.7 वर्ग मीटर है।
पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पत्नी के नाम पर गोल्फ लिंक में 160 करोड़ रुपये का बंगला खरीदने की पुष्टि की है। रोहतगी परिवार ने दिल्ली के जिस गोल्फ लिंक एरिया में बंगाल खरीदा है, वहां पर देश के बेहद अमीर लोगों के बंगले हैं। वहीं इससे पूर्व बीते साल में भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम ने भी लुटियंस दिल्ली के बेहद पॉश और महंगे इलाकों में से एक सुंदर नगर में 85 करोड़ रुपये अदा करके 866 वर्ग गज का एक विशाल बंगला खरीदा था।
गोल्फ लिंक में मुकल रोहतगी परिवार के पड़ोसियों में रेटगेन के भानु चोपड़ा, मैक्सोप इंजीनियरिंग के शैलेश अरोड़ा और डीबी ग्रुप के पवन अग्रवाल जैसे कई अमीरों के बंगले हैं। अगर दिल्ली से हटकर मुंबई की बात करें तो वहां पर बीते फरवरी में डीमार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी के परिवार ने बड़े पैमाने पर संपत्तियों को खरीदा। जिसमें दमानी ने कुल 1,238 करोड़ रुपये का निवेश किया और 28 आवासीय प्रॉपर्टी खरीदी। दमानी परिवार के इस सौदे को भारत के सबसे बड़े संपत्ति सौदों में से एक माना जा रहा है।
लगभग फरवरी में ही गोदरेज प्रॉपर्टीज लिमिटेड ने भी चेंबूर में राज कपूर के बंगले का अधिग्रहण किया। वहीं देश की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ लिमिटेड ने गुरुग्राम में अपनी आवास प्रोजेक्ट में तीन दिनों के भीतर 7 करोड़ रुपये और उससे अधिक की कीमत वाले 1,137 लक्ज़री अपार्टमेंट की बिक्री की घोषणा की थी, जिसमें डीएलएफ को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।