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ई-कॉमर्स वेबसाइट को फेक रिव्यू पोस्ट करना पड़ सकता है महंगा, लगेगा भारी जुर्माना, नियम बदलने की तैयारी में सरकार

By आजाद खान | Published: September 16, 2022 9:20 AM

आपको बता दें कि सरकार ऐसे दिशानिर्देश लागू करने की तैयारी कर रही है जिसमें फेक रिव्यू पोस्ट करने पर ई-कॉमर्स वेबसाइटों को भारी जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है। यह जुर्माना 10 लाख रुपए से लेकर 50 लाख रुपए तक का हो सकता है।

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ठळक मुद्देफेक रिव्यू पोस्ट करने पर ई-कॉमर्स वेबसाइटों को भारी जुर्माना लग सकता है।सरकार इसके लिए नए दिशानिर्देशों लेकर आ रही है। बताया जा रहा है कि यह जुर्माना 10 लाख रुपए से लेकर 50 लाख रुपए तक का हो सकता है।

नई दिल्ली: प्रोडक्ट्स के नकली रिव्यू पोस्ट करने पर ई-कॉमर्स संस्थाओं को भारी जुर्माना हो सकता है, इसके लिए सरकार नए दिशानिर्देश लागू करने की तैयारी में है। आपको बता दें कि इसके लिए सरकार जल्द ही दिशानिर्देशों लाने जा रही है और इसकी गाइडलाइन्स तैयार भी हो गई है जिसे अन्तिम रूप दिया जा रहा है। 

ऐसे में यह भी बात सामने आ रही है कि सरकार ने इसके लिए एक समिति का भी गठन किया है जो फेक रिव्यू पोस्ट से संबंधिक मानदंडों में बदलाव को अंतिम रूप दे रही है। इसे 2021 में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा तैयार किया गया है। 

कंपनियों के नेगेटिव रिव्यू पर पड़ेगा असर

आपको बता दें कि अगर यह दिशानिर्देश लागू होते है तो यह अनिवार्य हो जाएंगे कि नकली रिव्यू पोस्ट करने पर संबंधित ई-कॉमर्स संस्थाओं पर जुर्माना लगेगा। होता क्या था कि यह ई-कॉमर्स संस्थाएं अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए फेक रिव्यू पोस्ट करवाती थी जिससे उनका सेल्स बढ़ता था। 

लेकिन इस दिशानिर्देश के लागू होने के बाद इस पर अंकुश लगेगा। 

कितने का हो सकता है जुर्माना

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार, जो कोई भी ई-कॉमर्स संस्था फेक रिव्यू पोस्ट करती है या बढ़ी हुई रेटिंग देती है, उन पर यह जुर्माना लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस जुर्माने की रकम 10 लाख रुपए से लेकर 50 लाख रुपए तक हो सकती है।

यही नहीं सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि ऐसे मामले में उपभोक्ता मामलों का विभाग स्वत: संज्ञान भी ले सकता है। 

कब तक यह दिशानिर्देश हो सकता है लागू

बताया जा रहा है कि बीआईएस मानदंडों में बदलाव कर कमिटी एक हफ्ते में सुझाव दे सकती है जिसके बाद इस पर आगे के काम किए जाएंगे। हालांकि इस मामले में पैनल ने बुधवार को एक बैठक की थी जिसमें शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ कई हितधारक भी वहां मौजूद थे। ऐसे में यह दिशानिर्देश जल्द लागू होने की संभावना जताई जा रही है।  

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