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RBI की कामत समिति की सिफारिशों को हरी झंडी, ऋण पुनर्गठन के लिये तय किये मानदंड, जानिए किसे होगा फायदा

By भाषा | Updated: September 8, 2020 07:59 IST

ऋण पुनर्गठन की बातों को लेकर रिजर्व बैंक ने 7 अगस्त को केवी कामत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। आरबीआई ने कहा है कि समिति की सिफारिशों को मोटे तौर पर मान लिया गया है।

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ठळक मुद्देवाहन, बिजली, उड्डयन और पर्यटन सहित 26 क्षेत्रों के कर्जदारों को ऋण पुनर्गठन की छूटकेवी कामत की अध्यक्षता वाली समिति की कई सुझाव को आरबीआई ने स्वीकार किया

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को कोरोना वायरस महामारी से दबाव में आये वाहन, बिजली, उड्डयन और पर्यटन सहित 26 क्षेत्रों के कर्जदारों को कुछ स्पष्ट वित्तीय कसौटियों के आधार पर ऋण पुनर्गठन की छूट दिए जाने की सोमवार को अनुमति दी। केंद्रीय बैंक ने पांच वित्तीय अनुपात तय किए हैं और अलग अलग क्षत्रों के लिए अलग अलग दायरे भी तय किए हैं जिनमें ऋण पुनर्गठन किया जा सकता है।

रिजर्व बैंक ने 7 अगस्त को बैंकिंग क्षेत्र की जानीमानी हस्ती केवी कामत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति को कोविड- 19 से संबंधित दबाव वाली संपत्तियों के समाधान के नियम कायदे के बारे में सुझाव देने को कहा गया था। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के लिये क्षेत्रवार दायरा बताने को भी कहा गया था।

चार सितंबर को आरबीआई के पास आई थी रिपोर्ट

रिजर्व बैंक के सोमवार को जारी सर्कुलर के मुताबिक समिति ने चार सितंबर को रिजर्व बैंक को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, उसी के आधार पर रिजर्व बैंक ने दबाव वाले कर्जों के समाधान के लिये निर्देश जारी किये हैं। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि समिति की सिफारिशों को मोटे तौर पर स्वीकार कर लिया गया है।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि क्षेत्र विशेष में आने वाले उद्योगों के लिये ऋण पुनर्गठन योजना को अंतिम रूप देते हुये बैंक पांच विशिष्ट वित्तीय अनुपातों (वित्तीय कसौटियों) और 26 उद्योग क्षेत्रों के मामले में तय अलग अलग सीमाओं का ध्यान रखेंगे।

कामत सीमिति ने दबाव वाले ऋण के समाधान के लिये -- कुल बाहरी देनदारियां, समायोजित वास्तविक नेट वर्थ (टीओएल.. एटीएनडब्ल्यू) कुल रिण.. ईबीआईटीडीए, वर्तमान अनुपात यानी वर्तमान संपत्ति को मौजूदा देनदारियों से विभाजित करने पर आने वाला आंकड़ा। ऋण भुगतान कवरेज अनुपात और औसत रिण भुगतान कवरेज अनुपात --जैसे महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपातों पर गौर करने के सुझाव दिये हैं।

Loan Restructuring: ये उद्योग हैं शामिल

उद्योगों के जिन 26 क्षेत्रों का रिजर्व बैंक ने जिक्र किया है उनमें वाहन, बिजली, पर्यटन, सीमेंट, रसायन, रत्न एवं आभूषण, लाजिस्टिक, खनन, विनिर्माण, रीयल एस्टेट और जहाजरानी आदि शामिल हैं।

रिजर्व बैंक ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों और कंपनियों पर महामारी का प्रभाव अलग अलग पड़ने को देखते हुये ऋण दाता संस्थान अपने विवेक से कर्जदाता पर पड़े प्रभाव की गभीरता को देखते हुये अलग अलग समाधान पर भी गौर कर सकते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे पहले बैंकों और गैर- बैकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के साथ बैठक में कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहे व्यवसायों की मदद करने के लिये कर्जदाताओं से एक बारगी ऋण पुनर्गठन योजना को 15 सितंबर तक जारी करने को कहा है।

टैक्समैन के उप महाप्रबंधक रचित शर्मा ने रिजर्व बैंक के सर्कुलर पर प्रतिक्रिया में कहा कि इस व्यवस्था का सबसे बेहतर पहलू यह है कि इसे समयबद्ध बनाया गया है। इसमें ऋण समस्या के समाधान के हर स्तर के लिये समयसीमा तय की गई है।

उदाहरण के तौर पर योजना का लाभ उठाने के लिये कर्जदार को 31 दिसंबर 2020 तक आवेदन करना होगा। शर्मा ने कहा कि इसके साथ ही एकबारगी पुनर्गठन की इस योजना में समाधान योजना को लागू करने के लिये 180 दिन की सख्त समयसीमा तय की गई है।

180 दिन के भीतर योजना पर अमल जरूरी

कर्जदार के योजना के लिये आग्रह करने के दिन से 180 दिन के भीतर योजना पर अमल करना होगा। आवेदन के 30 दिन के भीतर सभी ऋण दाताओं को अंतर ऋणदाता समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ऋण समाधान की इस योजना में कर्ज की शेष अवधि में अधिकतम दो साल का विस्तार किया जा सकता है। यह विस्तार भुगतान अथवा बिना भुगतान स्थगन के दिया जा सकता है।

स्थगन, हालांकि समाधान योजना के क्रियान्वयन के साथ ही तुरत प्रभावी हो जायेगा। एकबारगी रिण पुनर्गठन की इस योजना के तहत बनाई गई व्यवस्था में दबाव वाली संपत्ति को राहत देने के लिये कर्ज को प्रतिभूति में परिवर्तित करने का भी सुझाव दिया गया है।

खैतान एण्ड कंपनी के पार्टनर अतुल पांडे ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कर्ज देने वाले सभी संस्थानों को इस योजना के तहत काफी लचीलापन दिया है। कर्ज संस्थानों को कर्जदार के ऊपर पड़े प्रभाव की गंभीरता को देखते हुये समाधान योजना तैयार करने में स्थिति के मुताबिक लचीला रुख अपनाने की छूट दी गई है।

टॅग्स :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)कोरोना वायरस
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