कोरोना वायरस का असर शेयर बाजार पर दिख रहा है। सप्ताह के पहले दिन ही शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1591.80 अंक यानी 4.67 फीसदी की ढलान के साथ 32,511.68 के स्तर पर खुला और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 446.85 अंक यानी 4.49 फीसदी की गिरावट के साथ 9508.35 के स्तर पर खुला। वहीं, सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे की गिरावट के बाद 74.06 के स्तर पर खुला।
इससे पहले शुक्रवार को पिछले बारह साल के बाद ऐसा मौका आया जब घरेलू शेयर बाजारों में भारी उतार- चढ़ाव के बीच कारोबार को शुरू होने के कुछ ही समय बाद रोकना पड़ा। दरअसल, कोरोना वायरस से जुड़ी चिंताओं के चलते शुक्रवार को शेयर बाजारों में कारोबार शुरू होने के 15 मिनट के भीतर ही निचले स्तर पर सर्किट ब्रेकर तक पहुंच गए। इसके बाद कारोबार को 45 मिनट के लिए रोकना पड़ा।
बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में सुबह नौ बजकर 20 मिनट पर कारोबार को 45 मिनट के लिए रोक दिया और फिर साढ़े दस बजे के आसपास कारोबार दोबारा शुरू हुआ। शेयर बाजारों में कारोबार पर इस तरह की रोक इससे पहले 22 जनवरी 2008 को लगी थी। हालांकि, इसके बाद पांच अक्टूबर 2012 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सनक में किये गये सौदे के बाद भी कुछ देर के लिये कारोबार रोका गया था। शेयर बाजार सूचकांक में 10 प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के तीन स्तरों पर उतार-चढ़ाव होने की स्थिति में ‘सर्किट ब्रेकर’ लग जाता है।
एचडीएफसी सिक्युरिटीज ने नियामकीय ढांचे के आधार पर बताया कि बीएसई और एनएसई में सर्किट ब्रेकर की सीमा पिछले दिन कारोबार बंद होने के स्तर से तय की जाती है। शेयर बाजारों में प्रतिदिन कारोबार के लिए एक कीमत दायरा तय होता है। इसकी उच्चतम और निम्नतम सीमा होती है, जिसे सर्किट लिमिट कहा जाता है।
नियमानुसार दोपहर एक बजे से पहले शेयर बाजारों में 10 प्रतिशत का उतार चढ़ाव होने के पर कारोबार को 45 मिनट के लिए रोक दिया जाता है। दोपहर एक बजे से ढाई बजे के बीच 10 प्रतिशत के उतार-चढ़ाव पर कारोबार को 15 मिनट का विराम लगाया जाता है। जबकि ढाई बजे के बाद इस तरह के उतार-चढ़ाव पर कारोबार नहीं रोका जाता है।
इसी तरह एक बजे से पहले शेयर बाजारों में 15 प्रतिशत के उतार-चढ़ाव पर कारोबार को पौने दो घंटे के लिए और दोपहर एक बजे से दो बजे के बीच में 45 मिनट के लिए रोक दिया जाता है। जबकि दो बजे के बाद इस तरह की स्थिति बनती है तो उस दिन के लिए शेयरों का कारोबार बंद कर दिया जाता है। शेयर बाजारों में दिन में कारोबार के दौरान किसी भी समय उतार-चढ़ाव के 20 प्रतिशत पर पहुंच जाने के लिए कारोबार को उस दिन के लिए बंद कर दिया जाता है।