Petrol Diesel Price Today: तेल विपणन कंपनियाँ (ओएमसी) रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपडेट करती हैं, जो उन्हें वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के अनुसार बदलती रहती हैं। यह दैनिक संशोधन पारदर्शिता को बढ़ावा देता है और यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को ईंधन की नवीनतम और सटीक कीमतें मिल सकें।
11 सितंबर, 2025 को भारत के कुछ प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार हैं:
पेट्रोल की कीमतें (₹ प्रति लीटर)
नोएडा: ₹94.77
दिल्ली: ₹94.77
चेन्नई: ₹100.90
जयपुर: ₹104.72
लखनऊ: ₹94.69
चंडीगढ़: ₹94.30
पटना: ₹105.60
कोलकाता: ₹106.03
गाजियाबाद: ₹96.58
फरीदाबाद: ₹97.49
मुंबई: ₹94.27
पुणे: ₹92.58
डीज़ल की कीमतें (₹ प्रति लीटर)
नोएडा: ₹87.89
दिल्ली: ₹87.67
चेन्नई: ₹92.48
जयपुर: ₹90.21
लखनऊ: ₹87.81
चंडीगढ़: ₹82.45
पटना: ₹91.77
कोलकाता: ₹92.02
गाजियाबाद: ₹87.51
फरीदाबाद: ₹88.40
मुंबई: ₹90.03
पुणे: ₹90.49
भारत में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें तय करती हैं।
यह कीमतें कुछ मुख्य कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें शामिल हैं:
कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें: यह सबसे बड़ा कारक है। कच्चे तेल की कीमतें जितनी अधिक होती हैं, पेट्रोल और डीज़ल की खुदरा कीमतें भी उतनी ही बढ़ जाती हैं।
रुपये और अमेरिकी डॉलर का विनिमय दर: कच्चे तेल का व्यापार अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में डॉलर में होता है। अगर रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले गिरता है, तो कच्चे तेल का आयात महंगा हो जाता है, जिससे ईंधन की कीमतें बढ़ जाती हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कर: केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क (excise duty) लगाती है, जबकि राज्य सरकारें वैट (VAT) लगाती हैं। ये कर राज्यों के अनुसार अलग-अलग होते हैं, यही कारण है कि देश के हर शहर में पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें अलग-अलग होती हैं।
डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप मालिक को भी प्रति लीटर एक निश्चित कमीशन मिलता है, जो ईंधन की अंतिम कीमत में शामिल होता है।
जून 2017 से, भारत में 'डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग' लागू की गई है, जिसके तहत हर दिन सुबह 6 बजे ईंधन की कीमतों को संशोधित किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में होने वाले बदलावों का सीधा और तुरंत लाभ मिल सके।