Byju’s EGM: बायजू के चार निवेशकों ने दमन, कुप्रबंधन का मुकदमा एनसीएलटी में दायर किया। संस्थापक बायजू रवींद्रन को कंपनी चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की। एनसीएलटी बेंगलुरु में बायजू प्रबंधन के खिलाफ निवेशकों के मुकदमे में फोरेंसिक ऑडिट, नए निदेशक मंडल की नियुक्ति, राइट्स इश्यू को अमान्य घोषित करने की मांग की। ऐसे में संस्थापक के लिए मुश्किल कम होने की जगह और बढ़ गई है।
गौर करने वाली बात यह है कि बायजू के प्रवक्ता ने बीते दिनों पहले अपने बयान में कहा था कि बायजू की मूल शिक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रवींद्रन बायजू के साथ-साथ निदेशक मंडल के सदस्य भी कंपनी के चुनिंदा निवेशकों द्वारा बुलाई गई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में शामिल नहीं होंगे।
बायजू के शेयरधारक कथित ‘कुप्रबंधन और विफलताओं’ को लेकर संस्थापक सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बाहर करने के लिए कुछ निवेशकों द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर आज मतदान करेंगे। बायजू ने ईजीएम को ‘प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य’ और कंपनी के नियमों और शेयरधारक के समझौते का उल्लंघन बताया है।
बायजू के प्रवक्ता ने कहा कि बायजू रवींद्रन या कोई अन्य बोर्ड सदस्य इस अमान्य ईजीएम में शामिल नहीं होंगे। इसका मतलब है कि अभी बुलाए जाने पर भी ईजीएम में जरूरी कोरम नहीं होगा और एजेंडा पर चर्चा या मतदान को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। बायजू के संरक्षक के रूप में कानून की स्थापित प्रक्रियाओं का सम्मान करना और कंपनी की अखंडता की रक्षा करना संस्थापकों की जिम्मेदारी है।
वहीं, आज होने वाली शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में होने वाले मतदान का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। उस दिन कर्नाटक उच्च न्यायालय कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर सुनवाई करेगा। उच्च न्यायालय ने बुधवार को बायजू में 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों द्वारा सामूहिक रूप से बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। रवींद्रन और उनके परिवार की कंपनी में 26.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ईजीएम नोटिस में बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न के वर्तमान निदेशक मंडल को हटाने का आह्वान किया गया है। इसमें रवींद्रन, उनकी पत्नी एवं सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजु रवींद्रन शामिल हैं। पिछले एक साल में बायजू को कई वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
अपने ऑडिटर के इस्तीफा देने, ऋणदाताओं द्वारा दिवाला कार्यवाही शुरू करने सहित अन्य चुनौतियां भी उसके सामने आई हैं। इस प्रतिकूल हालात में बायजू का उद्यम मूल्यांकन भी वर्ष 2022 के 22 अरब डॉलर से घटकर हाल ही में आए राइट्स इश्यू के दौरान सिर्फ 20 करोड़ डॉलर रह गया है।