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Budget 2025: क्या ख़त्म हो जाएगी पुरानी कर व्यवस्था? बजट 2025 ने अटकलों को दी हवा, जानें वजह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 1, 2025 17:42 IST

Budget 2025: चार से आठ लाख रुपये के बीच अर्जित आय पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाएगा, 8-12 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 12-16 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 16 से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत, 20-24 लाख रुपये तक पर 25 प्रतिशत और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगाया जाएगा।

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ठळक मुद्दे12 लाख रुपये सालाना कमाने वाले लोगों को 80,000 रुपये की बचत होगी। 24 लाख रुपये से अधिक आय वालों को 1.10 लाख रुपये का कर लाभ मिलेगा।17 लाख रुपये कमाने वाले 60,000 रुपये बचाएंगे।

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया और कई घोषणा की। नई कर प्रणाली के तहत 12 लाख रुपये तक की आय वालों को आयकर टैक्स नहीं देना होगा। ₹12 लाख तक की आय के लिए ( ₹75,000 की मूल कटौती के साथ वेतनभोगी करदाताओं के लिए ₹12.75 लाख), नई कर व्यवस्था शून्य प्रतिशत किया गया है। सीतारमण द्वारा नई कर व्यवस्था के तहत मध्यम आय वर्ग के करदाताओं के लिए बड़ी छूट की घोषणा को लेकर मीडिल क्लास आश्चर्यचकित रह गया है। 2025-26 में 12 लाख रुपये सालाना कमाने वाले लोगों को 80,000 रुपये की बचत होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की। साथ ही कर स्लैब में भी बदलाव किया है। आयकर छूट नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले आयकरदाताओं को मिलेगी। वेतनभोगी करदाताओं के लिए 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ अब 12.75 लाख रुपये पर कोई कर नहीं लगेगा।

वित्त मंत्री ने बजट के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि 12 लाख रुपये की आय पर कर छूट की घोषणा से करीब एक करोड़ और लोग कर के दायरे से बाहर हो जाएंगे। सीतारमण ने संसद में 2025-26 का बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘नई कर व्यवस्था में छूट के माध्यम से मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी आएगी और उनके हाथ में अधिक पैसा बचेगा, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।’’

क्या सरकार पुरानी कर व्यवस्था को खत्म करने की योजना बना रही-

वित्त मंत्री ने पुरानी कर व्यवस्था का जिक्र नहीं किया और बजट दस्तावेज भी उन पर चुप है। संशोधित कर स्लैब नई कर व्यवस्था चुनने वालों पर लागू होते हैं।

पुरानी कर व्यवस्था क्या है? पुरानी कर व्यवस्था मुख्य रूप से उन करदाताओं के लिए है, जो हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), जीवन बीमा प्रीमियम, सार्वजनिक भविष्य निधि में निवेश और चिकित्सा बीमा पॉलिसियों पर छूट और कर कटौती का दावा करते हैं। जो लोग पुरानी व्यवस्था को चुनते हैं, उनके लिए कर योग्य आय की गणना छूट में कटौती के बाद की जाती है।

Budget 2025: पुरानी कर ढांचा-

2.5 लाखः 0

2.5-3 लाखः 5 प्रतिशत

 3-5 लाखः 10 प्रतिशत

5-10 लाखः 20 प्रतिशत

10 लाख रुपये से अधिकः 30 प्रतिशत।

Budget 2025: नए टैक्स स्लैब-

0-4 लाखः 0

4-8 लाखः 5 प्रतिशत

8-12 लाखः 10 प्रतिशत

12-16 लाखः 15 प्रतिशत

16-20 लाखः 20 प्रतिशत

20-24 लाखः 25 प्रतिशत

24 लाख से ऊपरः 30 प्रतिशत।

जिन लोगों की वार्षिक आय 24 लाख रुपये या इससे अधिक है, वे आयकर में 1.10 लाख रुपये बचा सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को आयकर से छूट देने और नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में फेरबदल करने की शनिवार को घोषणा की।

इस फेरबदल के हिसाब से सरकारी गणना के अनुसार, 13 लाख रुपये सालाना आय वाले लोग कर देनदारी पर 25,000 रुपये बचाएंगे। इसी तरह 14 लाख रुपये सालाना आय वाले लोग 30,000 रुपये, 15 लाख रुपये कमाने वाले 35,000 रुपये, 16 लाख रुपये कमाने वाले 50,000 रुपये और 17 लाख रुपये कमाने वाले 60,000 रुपये बचाएंगे।

वहीं वार्षिक आय 18 लाख रुपये होने पर बचत 70,000 रुपये, 19 लाख रुपये पर 80,000 रुपये, 20 लाख रुपये पर 90,000 रुपये, 21 लाख रुपये पर 95,000 रुपये, 22 लाख रुपये पर एक लाख, 23 लाख रुपये पर 1.05 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। 24 लाख रुपये से अधिक आय वालों को 1.10 लाख रुपये का कर लाभ मिलेगा।

सीतारमण ने अपने 2025-26 के बजट में नए कर स्लैब प्रस्तावित किए हैं, जिसके तहत 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को कोई कर नहीं देना होगा। वेतनभोगी वर्ग के लिए 75,000 रुपये की मानक कटौती को ध्यान में रखते हुए यह सीमा 12.75 लाख रुपये बैठेगी। वहीं 12 लाख रुपये से अधिक की आय होने पर नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल किए जाने वाले कर के स्लैब को संशोधित किया गया है। नए कर स्लैब के तहत अगर 12 लाख रुपये से अधिक आय होती है तो उस व्यक्ति की शुरुआती चार लाख रुपये तक की आय पर छूट होगी।

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