पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव प्रचार के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष को करीब एक महीने का वक्त मिला। एक महीने में एनडीए और महागठबंधन की ओर से जबर्दस्त चुनाव प्रचार किया गया। राजनीतिक दलों के हेलीकॉप्टरों और चौपरों की उड़ानों से आसमान गूंजता रहा। अब सभी राजनेता 14 नवंबर का इंतजार कर रहे हैं। बिहार में राजनीतिक दलों ने हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार के लिए 72 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। रिपोर्ट के मुताबिक, इस चुनावी मौसम में राजनीतिक दलों ने हेलीकॉप्टर प्रचार पर 72 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए।
16 अक्टूबर के बाद से पटना एयरपोर्ट पर उड़ानों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई। एनडीए, महागठबंधन और अन्य दलों ने सत्ता की जंग जीतने के लिए आसमान को भी रणक्षेत्र बना डाला। आंकड़ों के अनुसार,पटना एयरपोर्ट से प्रतिदिन औसतन 25 हेलीकॉप्टर उड़ान भरते रहे। अब तक 600 से अधिक हेलीकॉप्टर और 40 चौपर उड़ चुके हैं।
लैंडिंग और डिपार्चर मिलाकर 1,200 से अधिक हेलीकॉप्टर और 80 चौपर मूवमेंट दर्ज किए गए। प्रचार के दौरान एक हेलीकॉप्टर पर प्रतिदिन जीएसटी समेत लगभग 12 लाख रुपये खर्च हुए। प्रत्येक हेलीकॉप्टर ने रोजाना औसतन 4 से 5 घंटे की उड़ान भरी, यानी कुल मिलाकर 3,000 घंटे से अधिक की हवाई उड़ानें हुईं।
सियासत के जानकारों का कहना है कि इस बार के चुनाव में हेलीकॉप्टर और चौपर प्रचार ने राजनीति को नया आयाम दिया है। हालांकि, नतीजे आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस भारी खर्च और हवाई प्रचार का वास्तविक फायदा किस दल को मिला।