मुंबई:एयर इंडिया के यूनियनों द्वारा एयरलाइन को लेकर एक दावा किया गया है। दरअसल, एयर इंडिया की दो पायलट यूनियनों ने दावा किया है कि एयरलाइन के पास लंबी दूरी की उड़ानें संचालित करने के लिए पायलटों की कमी है। इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (आईसीपीए) ने यह चिंता जताई है।
इस कारण उत्तर अमेरिकी क्षेत्र जाने वाली उड़ाने हुई थी रद्द
आपको बता दें कि टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन ने हाल में चालक दल की कमी के कारण उत्तर अमेरिकी क्षेत्र से आने-जाने वाली कुछ उड़ानों को रद्द और पुनर्निर्धारित किया था। इस पृष्ठभूमि में यह बयान आया है।
यूनियनों ने चिट्ठी लिखकर क्या कहा है
इन यूनियनों ने 13 दिसंबर को एयर इंडिया के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी सुरेश दत्त त्रिपाठी को लिखे एक संयुक्त पत्र में कहा, ‘‘हम पायलटों की कमी के कारण पहले से तय रोस्टर को लागू नहीं कर सकते हैं, क्योंकि चालक दल प्रबंधन प्रणाली के पास अतिरिक्त पायलट नहीं हैं।’’ ऐसे में इस खबर और दावे पर एयर इंडिया की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
मुंबई से सैन फ्रांसिस्को के बीच पहली सीधी उड़ान को दिखाई गई हरी झंडी
इससे पहले नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुंबई से सैन फ्रांसिस्को के बीच एयर इंडिया की पहली सीधी उड़ान को गुरुवार को हरी झंडी दिखाई थी। इस उड़ान सेवा का परिचालन हफ्ते में केवल तीन दिन ही होगा।
आपको बता दें कि टाटा समूह ने इस वर्ष जनवरी में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था। उसके बाद से एयरलाइन अपनी सेवाओं और बेड़े का विस्तार करने की दिशा में निरंतर काम कर रही है।
क्या कहा था मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने
ऐसे में उड़ान सेवा शुरू करने के बाद सिंधिया ने कहा था कि देश का नागर विमानन क्षेत्र परिवर्तन और वृद्धि की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें और बढ़ावा, मजबूती और गति देने की जरूरत है।’’
वहीं पिछले महीने, एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने कहा था कि एयरलाइन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर 30 फीसदी तक करेगी।