Adani Group-Norway Central Bank: नॉर्वे के केंद्रीय बैंक ने नैतिक चिंताओं का हवाला देते हुए अपने सरकारी पेंशन फंड से अडाणी समूह की बंदरगाह कंपनी एपीएसईजेड को बाहर कर दिया है। एपीएसईजेड 15वीं भारतीय कंपनी है, जिस पर नॉर्वे के केंद्रीय बैंक ने इस तरह की कार्यवाही की है। ओएनजीसी, गेल, एनटीपीसी और वेदांत जैसी कंपनियों को इस तरह की कार्यवाही का सामना करना पड़ा है। नॉर्वे का नॉर्जेस बैंक सॉवरेन वेल्थ फंड का प्रबंधन करता है। उसने 15 मई को कहा, ''अस्वीकार्य जोखिम के कारण अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन को बाहर करने का फैसला किया है, क्योंकि कंपनी युद्ध या संघर्ष की स्थितियों में व्यक्तियों के अधिकारों के गंभीर उल्लंघन में शामिल है।'' एपीएसईजेड मार्च 2022 से निवेश रोकने के लिए नार्वे के केंद्रीय बैंक की निगरानी सूची में था।
कंपनी को म्यांमार में सशस्त्र बलों के साथ अपने व्यापारिक जुड़ाव के कारण कार्रवाई का सामना करना पड़ा। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि अडाणी समूह की कंपनी ने पिछले साल मई में म्यांमार की पूरी संपत्ति बेच दी थी। नॉर्वे के फंड की नैतिकता परिषद ने एपीसेज के मई 2023 के खुलासे को स्वीकार किया कि उसने म्यांमार में अपने बंदरगाह संबंधी परिचालन को सोलर एनर्जी लिमिटेड को बेच दिया था, लेकिन कहा कि ''खरीदार के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, और एपीसेज ने कहा है कि वह गोपनीयता के आधार पर ऐसी कोई भी जानकारी साझा नहीं कर सकता है।''