भारत के बैंकिंग क्षेत्र कुल नॉन परफार्मिंग एसेट (एनपीए) का 50 प्रतिशत हिस्सा रकम टॉप 100 कर्ज लेने वालों नाम बकाया है। इंग्लिश वेबसाइट द वायर ने भारतीय रिज़र्व बैंक से आरटीआई के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट छापी है।
रिपोर्ट के मुताबिक टॉप 30 एनपीए कर्ज लेने वालों के पास 2.86 लाख करोड़ रुपये हैं। हालांकि, रिज़र्व बैंक ने यह जानकारी देने से इनकार किया है कि कर्ज लेने वाले ये टॉप 100 लोग कौन हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 5 फरवरी 2019 को मौजूदा वित्त मंत्री ने राज्यसभा में जानकरी दी थी कि 31 दिसंबर 2018 तक कमर्शियल बैंकों के एनपीए का आंकड़ा 10, 09, 286 करोड़ रुपये था। जबकि सरकारी बैंकों के एनपीए की हिस्सेदारी 8, 64, 433 करोड़ रुपये थी।
बता दें कि 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को आरटीआई अधिनियम के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट और विलफुल डिफॉल्टरों की सूची का खुलासा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट का मानना था कि रिज़र्व बैंक की गैर-प्रकटीकरण नीति अदालत के 2015 के फैसले का उल्लंघन है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अनुपालन करने के लिए रिज़र्व बैंक के पास यह अंतिम मौका है।