जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर पूरे देश में बातें हो रही हैं। आम जनता से लेकर बॉलीवुड सितारों तक अपनी बात रख रहे हैं। शेखर कपूर ने भी अनुच्छेद 370 पर अपनी बात कही है। देशभर में इस मुद्दे पर लोग अपनी बाते रख रहे हैं। कई बड़े सितारों ने इसे कश्मीर के हित में बताया है। वहीं शेखर कपूर ने भी इस पर टिप्पणी की है।
शेखर कपूर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखे, 'जब मैं स्कूल में था, तभी से आर्टिकल 370 पर वाद-विवाद सुन रहा हूं। जब कश्मीर जल रहा था। बेगुनाह लोग मारे जा रहे थे। आर्टिकल 370 ने कैसे मदद की? आइए, अब एकजुट होकर आगे बढ़ते हैं। एक राष्ट्र। आशाओं के साथ। भारत के विकास में योगदान के लिए कश्मीर के लोगों को बराबर का मौक़ा देते हैं।'
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के सभी खंड लागू नहीं होते हैं। अब जम्मू कश्मीर केंद्र शासित राज्य होगा। लेकिन कांग्रेस ने इसको विरोध किया। ऐसे में कई सितारे इस पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। सिर्फ शेखर कपूर ही नहीं कंगना रनौत, अनुपम खेर, जायरा वसीम, पायल रोहतगी, अशोक पंडित सभी ने अपनी राय रखी है।
कुछ दिनों पहले शेखर कपूर ने मॉब लिंचिंग को लेकर ट्वीट किया था। शेखर कपूर ने ट्वीट करके लिखा, 'बंटवारे के रिफ्यूजी के तौर पर जिंदगी शुरू की। पैरंट्स ने अपने बच्चों की जिंदगी संवारने के लिए सब कुछ किया। हमेशा से 'बुद्धिजीवियों' के डर में जिया हूं। उन्होंने हमेशा मुझे छोटा (तुच्छ) होने का अहसास दिलाया। बाद में उन्होंने अचानक मेरी फिल्मों के कारण गले लगा लिया। मैं अब भी उनसे डरता हूं। उनका गले लगना सांप के डसने जैसा है। अभी भी मैं एक रिफ्यूजी हूं।'
शेखर के इस ट्वीट पर जावेद अख्तर भड़क गए थे। शेखर कपूर के इस ट्वीट पर जावेद अख्तर ने कमेंट किया, 'अभी भी रिफ्यूजी होने से क्या मतलब है आपका। क्या आप अभी भी खुद को भारतीय नहीं बल्कि बाहर का महसूस करते हैं और आपको ऐसा लगता कि यह आपकी मातृभूमि नहीं है। अगर आपको देश में भी रिफ्यूजी जैसा महसूस होता है तो आप खुद को कहां रिफ्यूजी महसूस नहीं करेंगे, पाकिस्तान में? बेचारे अमीर लेकिन अकेले आदमी, यह ड्रामा बंद कीजिए।'
आगे जावेद अख्तर ने लिखा, 'ये बुद्धिजीवी कौन हैं जिन्होंने आपको गले लगाया और आपको वो सांप के डसने जैसा लगा? श्याम बेनेगल, अदूर गोपाल कृष्णा, राम चंद्र गुहा? सच में? शेखर साहब आप ठीक नहीं लग रहे हैं। आपको मदद की जरूरत है। मान जाइए, एक अच्छे साइकेट्रिस्ट से मिलना कोई शर्म की बात नहीं है।'