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JNU Violence: जेएनयू में हुए हमले को बॉलीवुड सेलेब्स ने बताया डरावना, दुखद और निर्दयी, जानिए किसने क्या कहा

By ज्ञानेश चौहान | Updated: January 6, 2020 18:43 IST

रविवार की रात को जेएनयू में कुछ नकाबपोश लोग हाथ में डंडे और रॉड लिए घुसे जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। उन्होंने अध्यापकों और छात्रों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयिशी घोष समेत 28 लोग घायल हो गए थे।

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रविवार को जेएनयू में हुए हमले को अनिल कपूर, आलिया भट्ट, राजकुमार राव, ट्विंकल खन्ना, अनुराग कश्यप और सोनम कपूर आहूजा जैसी फिल्म उद्योग की हस्तियों ने “डरावना”, “दुखद” और “निर्दयी” बताया है। उन्होंने हमलावरों को कानून के शिकंजे में लाने की मांग भी की है।

रविवार की रात को जेएनयू में कुछ नकाबपोश लोग हाथ में डंडे और रॉड लिए घुसे जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। उन्होंने अध्यापकों और छात्रों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुँचाया। हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयिशी घोष समेत 28 लोग घायल हो गए थे।बॉलीवुड एक्टर अनिल कपूर ने कहा कि वह सदमे में थे और हमले के वीडियो देखने के बाद पिछली रात सो नहीं पाए। अनिल ने मुंबई में ‘मलंग’ का ट्रेलर जारी होने के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, “उसकी (जेएनयू हमले) निंदा की जानी चाहिए। मैंने जो देखा वह दुखद, चौंकानेवाला था। वह परेशान करने वाला था। मैं (घटना के बारे में) सोचते हुए पूरी रात नहीं सो पाया। उसकी निंदा की जानी चाहिए। हिंसा से कुछ नहीं मिलने वाला। जिन्होंने भी यह किया है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।”अभिनेता आदित्य रॉय कपूर ने कहा, “हमारे देश में इस प्रकार की हिंसा का कोई स्थान नहीं है। ऐसा करने वालों को कानून के दायरे में जरूर लाया जाना चाहिए।”आलिया ने कहा कि "ऐसी किसी भी विचारधारा का कड़ा विरोध करने का समय आ गया है जो बांटने, दमन करने और हिंसा को प्रोत्साहित करने की बात करती हो। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, “जब छात्र, अध्यापक और शांतिपूर्ण नागरिक शारीरिक हिंसा के लगातार शिकार हो रहे हों, तब सब कुछ ठीक होने का दिखावा नहीं करना चाहिए।"आलिया ने आगे कहा कि "हमें आंखों में सच्चाई देखनी चाहिए और यह स्वीकार करना चाहिए कि हमारे घर के भीतर जंग हो रही है। हम इस देश के लोग हैं, अलग विचारधारा होने के बावजूद हमें सभी कठिन समस्याओं का मानवीय समाधान निकालना चाहिए और जिन शांतिपूर्ण और समावेशी सिद्धांतों पर यह देश बना है उन पर बल देना चाहिए।”

सोनम ने ट्विटर पर लिखा, “चौंकाने वाला, घिनौना और कायरतापूर्ण। बेकसूरों पर हमला करने वालों को कम से कम अपना चेहरा दिखाने का साहस होना चाहिए।”

अनुराग कश्यप ने लिखा, “हिंदुत्व आतंकवाद पूरी तरह बाहर आ गया है।” राजकुमार राव ने ट्वीट किया, “जेएनयू में जो हुआ वह शर्मनाक, भयानक और दुखद है। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए।”

सरकार की आलोचना करते हुए ट्विंकल खन्ना ने लिखा कि देश में छात्रों से अधिक गायें सुरक्षित हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत में गायों को छात्रों से अधिक सुरक्षा प्राप्त है। यह वही देश है जिसने झुकने से मना कर दिया है। आप लोगों को हिंसा से नहीं दबा सकते। अभी और विरोध, और हड़ताल होगी, और अधिक लोग सड़कों पर आएंगे।”

कृति सेनोन ने कहा कि हिंसा से कभी समाधान नहीं निकला और विश्वविद्यालय में जो कुछ भी हुआ वह अमानवीय था। उन्होंने कहा, “जेएनयू में जो हुआ वह देखकर मेरा दिल टूट गया। भारत में जो कुछ भी हो रहा है वह डरावना है। नकाबपोश कायरों द्वारा छात्रों और अध्यापकों को मारा और डराया जा रहा है। लगातार होता आरोप प्रत्यारोप का खेल। राजनीतिक एजेंडे के लिए इतना नीचे गिरना। हिंसा से कभी कोई समाधान नहीं निकला। हम इतने अमानवीय कैसे हो गए?”

जेएनयू हमले की निंदा करने वालों में स्वरा भास्कर, शबाना आजमी, ऋचा चड्ढा, मोहम्मद जीशान अय्यूब, तापसी पन्नू, अपर्णा सेन, विशाल भारद्वाज और अनुभव सिन्हा सबसे आगे रहे। स्वरा की माँ इरा भास्कर जेएनयू में प्राध्यापक हैं। स्वरा ने रविवार की रात ट्विटर पर लोगों से जेएनयू पहुंचकर हिंसा रोकने के लिए सरकार और पुलिस पर दबाव बनाने की अपील की।

उन्होंने बाद में ट्वीट किया, “मेरी मां सुरक्षित हैं। जेएनयू अभी के लिए शांतिपूर्ण है और गेट खुले हुए हैं। दिल्ली के उन नागरिकों और विरोध प्रदर्शन करने वालों का बहुत आभार जो आज रात जेएनयू के मुख्य द्वार पर आए। आपने जेएनयू को बचा लिया। मीडिया और रिपोर्टरों का धन्यवाद जिन्होंने अपनी चिंता न करते हुए वह आतंक दिखाया जो हमारे ऊपर किया गया।”

शबाना आजमी ने कहा कि वह हिंसा से सदमे में हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “क्या यह सच में हो रहा है। मैं भारत में नहीं हूँ और यह सब एक बुरे सपने जैसा लगता है…। निंदनीय, भयानक। ऐसा करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।”

ऋचा चड्ढा ने लिखा, “उनकी पहचान उजागर कर उन्हें शर्मसार किया जाना चाहिए। अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती, अगर अधिकारी मंत्रियों के कहेनुसार काम करते हैं, तो हमें कार्रवाई करनी होगी। इन गुंडों और हमलावरों की पहचान कर इन्हें शर्मसार किया जाना चाहिए। उन्हें नौकरी या डिग्री नहीं दी जानी चाहिए।”

रेणुका शहाणे ने हमले को अविश्वसनीय, शर्मनाक और डरावना बताया।(भाषा एजेंसी से इनपुट के साथ)

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)
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