चुनाव आयोग की ओर से बायोपिक 'पीएम नरेंद्र मोदी' पर रोक लगाये जाने के बाद फिल्म के निर्माताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट भी इस मसले पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को होगी।
विवेक ओबेरॉय की फिल्म 'पीएम नरेन्द्र मोदी' लगातार मुसीबतों और विवादों में घिरी हुई है। चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले इस फिल्म पर रोक लगाते हुए कहा था कि जब तक चुनाव खत्म नहीं हो जाते नरेन्द्र मोदी की ये बायोपिक रिलीज नहीं होगी। वहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने 'पीएम नरेंद्र मोदी' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आचार संहिता के उल्लंघन के मामले पर चुनाव आयोग ही कोई फैसला ले सकता है।
मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की फिल्म पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी थी। न्यायालय का कहना था कि इस मुद्दे को उठाने के लिए चुनाव आयोग ‘सही’ जगह है। सीबीएफसी ने 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली इस फिल्म को ‘यूनिवर्सल (यू)’ प्रमाणपत्र दिया है। इसी दिन लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान भी थे मगर फिर से इस फिल्म पर रोक लग गई थी।
निर्माता संदीप सिंह ने एक बयान में कहा, ‘‘ हम बहुत खुश हैं कि हमें सेंसर बोर्ड से ‘यू’ सर्टिफिकेट मिला है और अंतिम रूप से यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज हो रही है। उच्चतम न्यायालय द्वारा याचिका खारिज होने पर भी हमें राहत मिली थी। अब इस फिल्म को अब सभी जगह से हरी झंडी मिल चुकी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि पूरे देश में किसी भी राजनीतिक पार्टी को कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि चुनाव आयोग, सीबीएफसी और सभी अदालतों ने सभी याचिकाओं का निपटारा कर दिया है और हमारी फिल्म रिलीज के लिए तैयार है। हमारे लिए प्रार्थना करनेवालों सभी लोगों के प्रति हम आभारी है।’’ निर्माता आनंद पंडित ने कहा कि ‘न्याय हुआ है’ और फिल्म ने सिनेमाघर तक पहुंचने की सभी बाधाओं को पार कर लिया।