Bharatanatyam artiste Saroja Vaidyanathan: भरतनाट्यम नृत्यांगना सरोजा वैद्यनाथन का कैंसर के चलते बृहस्पतिवार तड़के यहां उनके आवास पर निधन हो गया। उनकी बहू और नृत्यांगना रमा वैद्यनाथन ने यह जानकारी दी। सरोजा 19 सितंबर को 86 वर्ष की हुई थीं।
रमा ने कहा, “आज तड़के करीब चार बजे उनका निधन हो गया। वह कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थीं।” शास्त्रीय नृत्यांगना सरोजा को 2002 में पद्म श्री और 2013 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। वैद्यनाथन को भरतनाट्यम और कर्नाटक संगीत में उनके व्यापक योगदान के लिए जाना जाता है।
रमा ने राष्ट्रीय राजधानी में 50 साल पहले शास्त्रीय नृत्य विद्यालय गणेश नाट्यालय की स्थापना के लिए अपनी सास और गुरु को याद किया। रमा ने कहा, “अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम उनकी विरासत को आगे ले जाएं। मैं हम सभी को दिए गए प्रेम के लिए उन्हें याद कर रही हूं। मैं आज जहां हूं, केवल उन्हीं की वजह से हूं।”
सरोजा का शुक्रवार दोपहर दो बजे लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया जाएगा। संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सरोजा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “भरतनाट्यम गुरु, पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित और एक शानदार नृत्यांगना श्रीमती डॉ. सरोजा वैद्यनाथन के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ।
कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय है। डॉ. सरोजा वैद्यनाथन के परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं।” भरतनाट्यम नृत्यांगना और राज्यसभा सदस्य सोनल मानसिंह ने भी "नृत्य जगत में अपार योगदान" के लिए सरोजा को याद किया। संस्कृति मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर यह भी पोस्ट किया कि वैद्यनाथन की विरासत "आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करेगी"।
मंत्रालय ने कहा, “ नृत्य और कला की दुनिया के लिए एक गहरी क्षति। पद्म भूषण से सम्मानित गुरु डॉ. सरोजा वैद्यनाथन के परिवार और दोस्तों के प्रति हार्दिक संवेदना।” मंत्रालय ने कहा, “उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं सहित पौराणिक कथाओं और सामाजिक विषयों पर आधारित कई नृत्य-नाटकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने के लिए प्रशंसा हासिल की।
उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगी।” इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने सरोजा के कला और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान को याद करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।