नई दिल्लीः किसान आंदोलन को अभिनेता दिलजीत दोसांझ लगातार समर्थन कर रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने कहा कि ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए। हाथ जोड़कर विनती करता हूं, सरकार से भी गुज़ारिश है कि हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान ले। यहां सब शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं कोई खून-खराबा नहीं हो रहा है।
इस बीच खबर है कि किसान कानूनों पर मोदी सरकार के साथ हुई बैठक के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है। 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी। 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा। ये कानून ज़रूर रद्द होंगे।
दिलजीत की कई फोटो सिंघु बॉर्डर से वायरल हो रही है जिसमें वह किसानों के बीच बैठे नजर आ रहे हैं सिर्फ इतना ही नहीं उन्होंने मंच पर खड़े होकर किसानों का समर्थन करते हुए अपनी बात भी रखी। ट्वीटर पर कंगना रनौत से भिड़ गए थे।
किसानों से मुलाकात के बाद दिलजीत दोसांझ ने उन्हें संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'हमारा केंद्र से सिर्फ एक अनुरोध है कि कृपया किसानों की मांगों को पूरा करें, यहां सभी लोग शांति से बैठे हैं और पूरा देश किसानों के साथ है।' दोसांझ ने कहा, आप सभी को सलाम, किसानों ने एक नया इतिहास रचा है, यह इतिहास आने वाली पीढ़ियों को सुनाया जाएगा, किसानों के मुद्दों को किसी के द्वारा भी मोड़ना नहीं चाहिए।
किसान आंदोलन को लेकर अभिनेता दिलजीत दोसांझ और अभिनेत्री कंगना रानौत के बीच ट्विटर पर तीखी बहस छिड़ी हुई थी। यह मामला कंगना द्वारा शाहीन बाग आंदोलन से मशहूर हुई बिल्किस बानो का नाम उछालने से शुरू हुआ था लेकिन अब यह दोनों कलाकारों के बीच बुरा-भला कहने तक पहुंच गया है।
पंजाब के मशहूर गायक-अभिनेता और अपनी मजेदार ट्वीट के लिए लोकप्रिय दोसांझ से रानौत की बहस बुधवार शाम को शुरू हुई और बृहस्पतिवार तक जारी रही। दोनों के बीच यह बहस कंगना के एक ट्वीट को लेकर शुरु हुआ था जिसमें कंगना ने किसान आंदोलन की एक बुजुर्ग को शाहीन बाग आंदोलन से प्रसिद्ध हुई दादी बिल्किस बानो बताया।
शाहीन बाग वाली दादी हैं जो 100 रुपये में प्रदर्शन करने के लिए उपलब्ध
उन्होंने फिर रिट्वीट करते हुए दोनों बुजुर्ग महिलाओं की तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा कि यह शाहीन बाग वाली दादी हैं जो 100 रुपये में प्रदर्शन करने के लिए उपलब्ध हैं। लोगों के सवाल उठाने पर कंगना ने कथित तौर पर अपना ट्वीट हटा दिया।
इसके बाद दोसांझ ने बीबीसी द्वारा किसान आंदोलन वाली बुजुर्ग महिला के साक्षातकार की एक क्लिप साझा करते हुए कंगना को टैग कर लिखा,“सबूत के साथ यह सुनो कंगना। किसी को इतना अंधा नहीं होना चाहिए... तुम कुछ भी बोलती हो।” उसके बाद कंगना ने दोसांझ को करण जौहर का ‘पालतू’,‘चाटुकार’ कहते हुए पूछा कि दिल्ली दंगे कराने वाले किसी इंसान का बचाव करते हुए उन्हें शर्म नहीं आती क्या?
उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी बिल्किस बानो के लिए थी ना कि किसान आंदोलन वाली महींदर कौर के लिए। इस पर दोसांझ ने भी पलटवार करते हुए रानौत से पूछा कि कंगना जिन लोगों के साथ काम कर चुकी हैं सबकी चापलूस थीं क्या...और अगर थीं तो फेहरिस्त लंबी है। उन्होंने लिखा,“...ये लोग बॉलीवुड से नहीं है, पंजाब से हैं। तुम्हें झूठ बोलकर लोगों को भड़ाकर उनकी भावनाओं से खेलने आता है।” खुद को पंजाबी बताते हुए दोसांझ ने कहा कि औरत होकर भी कंगना को किसी की मां-बहन से बात करने की तमीज नहीं है।