दिल्ली: 'कार्तव्य पथ' के उद्घाटन कार्यक्रम में दिल्ली पहुंची अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि ''क्रांतिकारियों के संघर्ष, चाहे वह नेताजी हों या सावरकरजी, को पूरी तरह से नकार दिया गया था।" उन्होंने महात्मा गांधी का बिना नाम लिए कहा कि सिर्फ एक ही पक्ष को दिखाया गया कि मुझे एक चांटा मारो मैं दूसरा गाल आगे कर दूंगा।
कंगना ने कहा, मेरा मानना है कि नेताजी को, ऐसे कई क्रांतिकारियों के संघर्ष को, चाहे वह सावरकरजी हों, उनको नकार दिया गया था। एक पक्ष को ही दिखाया गया था। कि मुझे एक चांटा मारो तो मैं दूसरा गाल आगे करूंगा। वही एक पक्ष दिखाया गया था। हमें भूख हड़ताल करके, दांडीमार्च करके ही आजादी मिली है। ऐसा नहीं है।
अभिनेत्री ने नेताजी का जिक्र करते हुए कहा कि कई लाखों लोगों ने खून बहाया है। नेताजी ने पूरी दुनिया में अभियान चलाकर भारत की युद्धदशा पर पूरे विश्व का नजर लाया। उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में हिस्सा लिया। चाहे उन्होंने अपनी एक आर्मी की स्थापना की। इससे अंग्रेजों पर दबाव बना। फिर चाहे उन्होंने सत्ता किसी को भी दी। वे सत्ता के भूखे नहीं थे। नेताजी आजादी के भूखे थे और उन्होंने देश को आजादी दिलाई।