बॉलीवुड के मशहूर राइटर सलीम खान का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 24 नवंबर 1935 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। सलीम बॉलीवुड में एक बेहतरीन लेखक के तौर पर जाने जाते हैं। वो बंबई आए तो हीरो बनने थे, लेकिन बन गए एक लेखक। ऐसे लेखक, जिसने अपने जोड़ीदार जावेद अख्तर के साथ मिल कर सत्तर के दशक के हिन्दी सिनेमा को बिल्कुल बदल डाला था। सलीम का नाम और भी बॉलीवुड में बिना जावेद के नहीं लिया जाता है। शायद यहीं कारण है कि जब उनके दोस्त ने उनका साथ छोड़ा था तो वह डिप्रेशन में चले गए थे।
सलीम हीरो बनने आए
सलीम खान इंदौर से मुंबई हीरो बनने आए थे और उन्होंने इसकी शुरूआत भी की। फिल्म ‘सरहदी लुटेरा’ में वह हीरो के किरदार में फैंस के सामने आए। इस फिल्म में जावेद अख्तर असिस्ट के तौर पर काम कर रहे थे। यहीं दोनों की मुलाकात हुई और दोस्ती भी हो गई।
साथ में की फिल्में
जावेद को लिखने का शौक था वो जल्द समझ गए थे कि उनका दोस्त भी बेहतदीन लेखक है। ऐसे में सलीम ने भी अभिनय छोड़ने का फैसला लिया और राइटर में करियर बनाने का फैसला किया। इसके बाद सलीम-जावेद की इस जोड़ी ने करीब 15 साल तक एक दूसरे के साथ काम किया। दोनों ने साथ में एक से बढ़कर एक फिल्में दीं। ‘सीता और गीता’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘यादों की बारात’, ‘हाथ की सफाई’, ‘शोले’, ‘क्रांति’, ‘त्रिशूल’, ‘जमाना’, ‘मिस्टर इंडिया’। दोनों ने जितनी भी फिल्में साथ में की सभी पर्दे पर हिट साबित हुईं।
सबसे महंगी जोड़ी
सलीम को मुकाम अभिनय में चाहिए था वो उनको लेखन से मिला। कहते हैं यही कारण था कि उस वक्त की ये जोड़ी सबसे महंगी थी इतनी की ये स्टार्स से भी ज्यादा पैसे लेते थे। सलीम-जावेद की इस कामयाब जोड़ी ने छह फिल्मफेयर अवार्ड्स अवार्ड अपने नाम किए हैं।
टूट गई जोड़ी
एक दिन अचानक इन दोनों की जोड़ी किस कारण से हमेशा के लिए टूट गई थी। मिस्टर इंडिया इसके पीछे का कारण है। असल में अमिताभ ने इसको करने से मना कर दिया था तो सलीम इससे गुस्सा हो गए और वह उनके बिना काम करना चाहते थे लेकिन जावेद इसके लिए राजी नहीं हुए। यहीं से दोनों के रिश्ते में दरार आ गई। सलीम खान ने इंटरव्यू में बताया कि एक शाम जावेद अख्तर ने ही उनसे कहा कि अब दोनों को अलग-अलग काम करना चाहिए। सलीम खान उस वाकये को याद करते हुए कहते हैं, ‘मैं जावेद के घर पर था। हम किसी प्रोजेक्ट पर चर्चा कर रहे थे। दिनभर के काम के बाद जब मैं वहां से निकलने वाला था। जावेद साहब ने कहा कि उन्हें लगता है कि अब हम दोनों को अलग-अलग काम करना चाहिए। मैं उनकी बात सुनकर थोड़ी देर चुप रहा। फिर मैंने उनसे कहा- मुझे पूरा भरोसा है कि आपने बहुत सोच-समझकर ये फैसला किया होगा और शायद मेरे कुछ कहने से आपका फैसला नहीं बदलेगा।’
डिप्रेशन का शिकार
सलीम ने ये भी बताया कि जोड़ी टूट जाने से वह डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। जिस जिस कारण से लंदन चले गए थे, लेकिन वहां से जब वह वापस आए तब तक उनकी दोस्ती पूरी तरह से बद चुकी थी।