सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के मामले में एम्स की टीम ने सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार सीबीआईएम्स की रिपोर्ट का विश्लेषण करने में भी जुट गई है। साथ ही सीबीआई इस रिपोर्ट को अपने पिछले 40 दिनों की जांच के नतीजों से भी मिलान करेगी। डॉक्टर सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता वाला एम्स का ये विशेष पैनल सीबीआई की मांग पर बनाया गया था।
इस पैनल के पास ऑटोप्सी और विसरा रिपोर्ट की दोबारा जांच करने की जिम्मेदारी थी। सीबीआई को इस रिपोर्ट के निष्कर्ष से यह जानने में मदद मिलेगी कि सुशांत सिंह की वाई हत्या हुई थी या उन्होंने आत्महत्या की थी। इस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई अपनी जांच की दिशा भी आगे बढ़ाएगी। सूत्रों के अनुसार एम्स पैनल की रिपोर्ट को इस केस में एक्सपर्ट ओपिनियन के तौर पर लिया जाएगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया, 'एम्स और सीबीआई सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में एक सहमति पर पहुंचे हैं लेकिन और विमर्श की जरूरत है। कानूनी तौर पर किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए कुछ और कानूनी पहलुओं पर ध्यान देने की अभी जरूरत है।'
सुशांत सिंह राजपूत मुंबई के बांद्रा में अपने फ्लैट में 14 जून को मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस ने इसे आत्महत्या करार दिया था। हालांकि, इसके बाद कई तरह की बातें उठी और कुछ लोगों दावारा उनकी मौत को हत्या भी बताया गया। हत्या की आशंका की बात उठने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई के पास पहुंचा।
इससे पहले सोमवार को एक बयान में, सीबीआई ने कहा कि एक 'पेशेवर जांच' की जा रही है और 'सभी पहलुओं को देखा जा रहा है और किसी भी एंगल को खारिज नहीं किया गया है।'
वहीं, पिछले हफ्ते, सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील विकास सिंह ने ट्वीट कर कहा था, 'सुशांत की आत्महत्या में मर्डर में बदलने के लिए CBI की ओर से फैसला लेने में हो रही देरी से हताश हूं। AIIMS टीम का हिस्सा रहे एक डॉक्टर ने मुझे बहुत पहले ही तस्वीरें देख कर बता कि ऐसे 200 प्रतिशत तक संकेत हैं कि ये गला घोंटने से मौत है और आत्महत्या नहीं है।'
विकास सिंह ने ये भी दावा किया कि एम्स की पैनल के एक डॉक्टर सदस्य ने उनसे जांच के कुछ तथ्य साझा किए हैं।
वहीं, सुशांत की गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती के वकील ने एक दूसरा मेडिकल बोर्ड बनाने की भी मांग की थी। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफ के आधार पर एम्स पैनल के एक डॉक्टर के 200 प्रतिशत तक हत्या की पुष्टि जैसी बात खतरनाक है।
रिया के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा, 'जांच को निष्पक्ष रखने के लिए, CBI को एक नया मेडिकल बोर्ड गठित करना चाहिए।' उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में आने वाले चुनावों के कारण मामले में 'पूर्व नियोजित' नतीजे तक पहुंचने के लिए एजेंसी पर दबाव डाला जा रहा है।