मुंबईः रामायण के किरदारों पर आधारित फिल्म 'आदिपुरुष' के पात्रों के लुक को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कइयों ने आदिपुरुष के रावण के लुक की तुलना खिलजी से कर डाली। लोगों ने आरोप लगाए कि आदिपुरुष का रावण पद्मावत के खिलजी जैसा नजर आ रहा है।
सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर चल रहे विरोध के बीच आदिपुरुष के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर ने कहा है कि अगर फिल्म में रावण खिलजी जैसा दिख रहा है तो अच्छी बात है, इसमें बुराई नहीं। आजतक के ऐंकर सुधीर चौधरी से फिल्म के विरोध पर बोलते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा कि रावण खिलजी जैसा लगता है। बहुत से लोगों की ओर से ऐसा रिएक्शन आ रहा है। मैं ये देख रहा हूं।
मुंतशिर ने कहा कि इसपर मेरे दो टेक हैं। पहली चीज तो ये है कि हमने जो एक मिनट 35 सेकेंड का टीजर देखा है, उसमें रावण ने त्रिपुंडी लगाए हुए है। जो देखा है उसी के बारे में बता रहा हूं बाकी तो मेरे पास बहुत कुछ दिखाने के लिए है। जो लोगों ने देखा नहीं है। उन्होंने कहा कि बहुत विनम्रता से कह रहा हूं कि जो फिल्म आएगी सब देखेंगे।
मनोज मुंतशिर ने रावण के खिलजी जैसे दिखने के सवाल पर कहा कि कौन से खिलजी त्रिपुंडी लगाता है। कौन सा खिलजी तिलक धारण करता है। कौन सा खिलजी जनेऊ पहनता है। और कौन सा खिलजी रुद्राक्ष धारण करता है? हमारे रावण ने ये सब इसी 1 मिनट 35 सेकेंड के टीजर में किया हुआ है।
संवाद लेखक मुंतशिर ने आगे कहा, हर युग की अपनी बुराई का एक चेहरा होता है। रावण मेरे लिए बुराई का चेहरा है। अलाऊद्दीन खिलजी इस युग की बुराई का चेहरा है। अगर वह मिलता जुलता भी है तो हमने उसको जानबूझकर नहीं किया है। लेकिन अगर मिल भी गया तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई ऐतराज की बात है। मनोज ने आगे कहा कि अलाऊद्दीन खिलजी तो लायक है ही नहीं। वो तो बुरा है। अगर रावण का चेहरा उससे मिलता है। अगर आप रावण से इसलिए ज्यादा नफरत करते हैं क्योंकि वह खिलजी जैसा दिखता है, तो अच्छी बात है, इसमें बुराई नहीं।
वहीं आदिपुरुष के निर्देशक ओम राउत ने इसका बचाव करते हुए कहा कि "पहले जिस रावण को दिखाया गया, वह उस जमाने के राक्षसी रावण का आर्टिस्टिक रिप्रेजेंटेशन था। यह रावण भी राक्षसी और क्रूर है। आज के जमाने में मुझे रावण ऐसा ही दिखता है।"
एक यूजर ने मुंतशिर के पोस्ट पर टिप्पणी की- अपनी गलतियों को ढकने के लिए रावण को खिलजी जैसा सामूहिक हत्यारा मत बनाइए। जिहादी अलाउद्दीन खिलजी और शिव भक्त रावण में जमीन आसमान का फर्क है उसने सीता माता का हरण करने के बाद भी सीता माता की मर्यादा बचाकर रखा वहीं अलाउद्दीन खिलजी ने लाखों हिंदुओं के साथ महिलाओं पर अत्याचार किया।
एक अन्य ने लिखा, मैं आपका बहुत सम्मान करता हु। लेकिन ये तर्क नही कुतर्क लगा कि आज के हिसाब से रावण ऐसा हो सकता है। रावण राक्षस था लेकिन किसी मुस्लिम शासक की तरह बिल्कुन नही था। डायरेक्टर साहेब 500cr सिर्फ vfx में खर्च कर दिए? इतना तर्क देने से अच्छा कोई अच्छा कलाकार ले लेते जो बिना दाढ़ी में होता।
एक अन्य ने कमेंट किया, तुम लोग क्या समझोगे जिसको कोई फर्क नजर नहीं आता रावण और खिलजी में रावण तीन लोक के ज्ञानी पुरुष थे और वह मरे तो भगवान के हाथों और संपूर्ण परिवार का उद्धार किया रावण जो भी था सब कुछ ज्ञात था उनको और खिलजी एक शैतान आपसे यह उम्मीद नहीं थी।
गौरतलब है कि हाल ही में रिलीज हुए फिल्म के टीजर को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। फिल्म में हनुमान, राम और रावण के लुक को लेकर लोग अपने-अपने विचार साझा कर रहे हैं। कई राजनीतिक और हिंदू संगठनों ने फिल्म को बैन करने की मांग की है। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने जहां फिल्म के ‘टीजर’ में भगवान राम, लक्ष्मण और रावण जैसे किरदारों के फिल्मांकन के तरीके पर एतराज जताते हुए आगाह किया तो वहीं भाजपा नेता राम कदम ने गुरुवार को कहा कि फिल्म 'आदिपुरुष' को महाराष्ट्र में प्रदर्शित नहीं होने देंगे। यही नहीं फिल्म को पुरी तरह बैन करने की मांग की है।