ब्लॉगः इटली में ‘ब्रदर्स ऑफ इटली’ की नेता जाॉर्जिया मेलोनी के प्रधानमंत्री बनने की पूरी संभावना, जीतेंगी सबसे ज्यादा सीटें!
By वेद प्रताप वैदिक | Updated: September 27, 2022 16:03 IST2022-09-27T15:56:10+5:302022-09-27T16:03:48+5:30
पिछले 77 साल में यूरोप के किसी भी देश में ये उग्रवादी पनप नहीं सके लेकिन अब इटली, जर्मनी, फ्रांस और स्वीडन जैसे देशों में दक्षिणपंथी राजनीति तूल पकड़ती जा रही है।

ब्लॉगः इटली में ‘ब्रदर्स ऑफ इटली’ की नेता जाॉर्जिया मेलोनी के प्रधानमंत्री बनने की पूरी संभावना, जीतेंगी सबसे ज्यादा सीटें!
सौ साल पहले इटली में फासीवाद का उदय हुआ था। इटली के बेनिटो मुसोलिनी के बाद जर्मनी में एडोल्फ हिटलर ने नाजीवाद को पनपाया। इन उग्र राष्ट्रवादी नेताओं के कारण द्वितीय महायुद्ध हुआ। पिछले 77 साल में यूरोप के किसी भी देश में ये उग्रवादी पनप नहीं सके लेकिन अब इटली, जर्मनी, फ्रांस और स्वीडन जैसे देशों में दक्षिणपंथी राजनीति तूल पकड़ती जा रही है। इन पार्टियों के नेता मुसोलिनी और हिटलर की तरह हिंसक और आक्रामक तो नहीं हैं लेकिन इनका उग्रवाद इनके देशों के लिए चिंता का विषय तो बन ही रहा है। ये लोग तख्ता-पलट के जरिये सत्तारूढ़ नहीं हो रहे हैं। लोकप्रिय वोटों से चुने जाकर ये लोग सत्ता के निकट पहुंचते जा रहे हैं।
इटली में ‘ब्रदर्स ऑफ इटली’ की नेता जाॉर्जिया मेलोनी के प्रधानमंत्री बनने की पूरी संभावना है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी और मत्तेओ साल्विनी की पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। मेलोनी (45) अभी युवा हैं, बर्लुस्कोनी (85) के मुकाबले और जब वे छात्रा थीं तो ‘इटालियन सोशल मूवमेंट’ में काफी सक्रिय रही हैं। यह संगठन मुसोलिनी के समर्थकों ने खड़ा किया था। बाद में मेलोनी सांसद और मंत्री भी बनीं। वे आजकल दावा करती हैं कि वे फासीवादी बिल्कुल नहीं हैं लेकिन किसी जमाने में वे मुसोलिनी की काफी तारीफ किया करती थीं। मारियो द्रागी की पिछली सरकार में कई पार्टियां गठबंधन में शामिल हुई थीं लेकिन मेलोनी की अकेली बड़ी पार्टी थी, जो विपक्ष में बैठी रही थी। इसीलिए अब ‘ब्रदर्स ऑफ इटली’ पार्टी को इटली की जनता काफी महत्व दे रही है। उम्मीद यही की जा रही है कि कल संपन्न हुए आम चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें इसी पार्टी को मिलेंगी। वैसे मेलोनी ने इधर मुसोलिनी की आलोचना भी करनी शुरू कर दी है।