लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: जल पाने की मुश्किल में कल कैसे होगा?

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: May 6, 2024 10:57 IST

महाराष्ट्र में आम तौर पर नासिक, पुणे, सोलापुर और कोल्हापुर जैसे क्षेत्र जल संकट से बचे रहते हैं। किंतु इस साल उन क्षेत्रों में भी पानी की दिक्कत को महसूस किया जा रहा है।

Open in App
ठळक मुद्देखराब मानसून के कारण पहले से ही जलसंग्रह कम थाभीषण गर्मी के चलते राज्य में विभिन्न बांधों के जल स्तर में भारी कमी आई हैमई के पहले सप्ताह में राज्य में जल भंडारण गिरकर 28 फीसदी रह गया

राज्य में चुनाव का माहौल पूरे जोर पर है। हर नेता हर तरह की बातें कह रहा है, लेकिन राज्य में गहराते जल संकट की ओर किसी का ध्यान नहीं है। उसे मुद्दा भी बनाने के लिए कोई तैयार नहीं है। शायद पानी समस्या राजनीति में प्राकृतिक मानी जाती है, जिसके चलते उस पर कोई अधिक ध्यान देने की आवश्यकता नहीं समझता है। खबरें बता रही हैं कि इन दिनों मुंबई को छोड़कर महाराष्ट्र राज्य में पीने के पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

खराब मानसून के कारण पहले से ही जलसंग्रह कम था, भीषण गर्मी के चलते राज्य में विभिन्न बांधों के जल स्तर में भारी कमी आई है। अब नौबत यह है कि मई के पहले सप्ताह में राज्य में जल भंडारण गिरकर 28 फीसदी रह गया। पिछले साल इसी समय बांधों की स्थिति 40.28 प्रतिशत तक थी। यूं देखा जाए तो महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ हमेशा से सूखे की मार झेलते आए, लेकिन जब बात पेयजल संकट पर आ पहुंचती है तो चिंता के बादल अधिक गहराने लगते हैं। 

छत्रपति संभाजीनगर संभाग के बांधों में पिछले साल 46.79 फीसदी जल भंडारण था, जो अब महज 11.89 फीसदी रह गया है। छत्रपति संभाजीनगर जिले के पैठण स्थित 102 टीएमसी क्षमता वाले जायकवाड़ी बांध का जलस्तर सिर्फ 7.97 फीसदी रह गया है, जिसके बाद मृत जल के उपयोग की स्थितियां बनेंगी। मगर हालात को देखकर यह माना जा रहा है कि जल संकट तभी दूर होगा जब बरसात समय पर होगी, जिसका निर्धारित समय जून माह है। अन्यथा स्थितियां और गंभीर हो जाएंगी। 

महाराष्ट्र में आम तौर पर नासिक, पुणे, सोलापुर और कोल्हापुर जैसे क्षेत्र जल संकट से बचे रहते हैं। किंतु इस साल उन क्षेत्रों में भी पानी की दिक्कत को महसूस किया जा रहा है। नासिक के बांधों में केवल 30.65 प्रतिशत और पुणे में 23.69 प्रतिशत पानी बचा है। यदि पूरे राज्य की स्थिति को देखा जाए तो वर्तमान में 2952 टैंकरों के माध्यम से 2344 गांवों और 5749 बस्तियों में पानी की आपूर्ति की जा रही है, जो आने वाले समय में गंभीर जल संकट का संकेत दे रही है। 

पहले ग्रामीण भागों में जल संकट स्थाई माना जाता था। अब शहरी भागों में भी स्थितियां ग्रामीण क्षेत्रों की तरह होती जा रही हैं। बेंगलुरू के जल संकट की बात चलते-चलते पुणे भी उसी कतार में बढ़ता दिख रहा है। शहरों पर बढ़ता जनसंख्या का दबाव और संसाधनों के विकास की उपेक्षा पानी-बिजली जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की वजह है, जिसे सरकारें केवल प्राथमिकता के आधार पर हल करने में दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं। इसलिए हर हाल में आसमान पर निगाहें रखना आम आदमी की मजबूरी और जरूरत है। ‘जल है तो कल है’ के नारे को बुलंद तो रखा जाता है, लेकिन कल तो सबको नजर आता है, जल का अता-पता बहुत सारे लोगों को नहीं रहता है।

टॅग्स :महाराष्ट्रWater Resources Department
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार में कई जिलों में 10 फीट तक नीचे गया भूजल स्तर, भूजल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की मात्रा तय सीमा से ज़्यादा

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारतमहाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिरी समय में नगर निगम चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की | VIDEO

महाराष्ट्र अधिक खबरें

महाराष्ट्रMaharashtra Heavy Rain: महाराष्ट्र में बारिश का कहर, 24 घंटों में 3 लोगों की मौत, 120 से अधिक व्यक्तियों को निकाला गया

महाराष्ट्रसमृद्धि महामार्ग पर सुरक्षा और सुविधा का सवाल!

महाराष्ट्रMumbai: लोकल ट्रेन से सफर कर रहे 4 यात्रियों की मौत, भीड़ से भरी ट्रेन से गिरे लोग; दर्दनाक वीडियो वायरल

महाराष्ट्रदिशा सालियान की मौत पर पिता का खुलासा, रेप और हत्या का किया दावा; आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर की मांग

महाराष्ट्रMaharashtra New CM Updates: सीएम शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां शुरू! विधायक दल के साथ बीजेपी की आज बैठक..., जानें अपडेट