लाइव न्यूज़ :

वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉगः पेगासस-जासूसी नया सिरदर्द

By वेद प्रताप वैदिक | Updated: February 1, 2022 13:59 IST

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ज्यों ही यह खबर उछाली कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में अपनी इजराइल-यात्रा के दौरान जब इजराइल से दो अरब डॉलर के हथियारों का सौदा किया था तभी 500 करोड़ रु. का यह जासूसी यंत्र खरीदा था तो फिर क्या था!

Open in App

पेगासस के जासूसी यंत्र को लेकर भारत सरकार फिर दलदल में फंस गई है। सारे विरोधी दलों ने उसे दलने के लिए कमर कस ली है। सरकार को नींद नहीं आ रही होगी कि संसद के इस सत्र में वह बजट पेश करेगी या इस इजराइल के जासूसी यंत्र की मार से खुद को बचाएगी। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ज्यों ही यह खबर उछाली कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2017 में अपनी इजराइल-यात्रा के दौरान जब इजराइल से दो अरब डॉलर के हथियारों का सौदा किया था तभी 500 करोड़ रु. का यह जासूसी यंत्र खरीदा था तो फिर क्या था! भारत के सारे विरोधी दलों ने सरकार पर हमले शुरू कर दिए। उन्हें यह भी ध्यान नहीं रहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस सारे मामले पर पहले से जांच बिठा रखी है।

जब यह मामला संसद के पिछले सत्न में उठा था तो इतना हंगामा हुआ कि संसद ही ठप हो गई थी। सरकार की हालत इतनी पतली हो गई थी कि वह न तो संसद को और न ही अदालत को यह साफ-साफ बता सकी कि उसने इजराइल से यह जासूसी यंत्र खरीदा था या नहीं और इस यंत्र से उसने विरोधी नेताओं, पूंजीपतियों, पत्नकारों और महत्वपूर्ण नागरिकों की जासूसी की थी या नहीं। बस वह यही कहती रही कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। वह सारे तथ्य सार्वजनिक नहीं कर सकती। अदालत इजाजत दे तो वह खुद जांच बिठा सकती है। अदालत ने सरकार के अभिमत को रद्द कर दिया और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में अपनी जांच बिठा दी। अदालत, विरोधियों और कई प्रबुद्ध पत्नकारों का मानना था कि राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में कोई भी सरकार नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन नहीं कर सकती।

यदि सरकार आतंकवादियों, तस्करों, ठगों, हिंसकों, अपराधियों, देशद्रोहियों के खिलाफ जासूसी करे तो वह सर्वथा उचित है लेकिन यदि ऐसा ही है तो उसे लड़खड़ाने और घबराने की जरूरत क्या है? सरकार की इस घबराहट को ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अब बड़े सिरदर्द में बदल दिया है। यदि राहुल गांधी का यह आरोप कि सरकार ने देशद्रोह किया है, बचकाना है तो भी संसद में विपक्ष के सारे हमले का शिकार प्रधानमंत्री की कुर्सी ही होगी। प्रधानमंत्री की जानकारी के बिना किसी मंत्री या अफसर की हिम्मत नहीं है कि वह देश के नागरिकों की इस तरह की जासूसी कर सके। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे चाहे उन सब व्यक्तियों के नाम उजागर न करें लेकिन वे संसद में बताएं कि किस तरह के लोगों के खिलाफ पेगासस-यंत्र का इस्तेमाल होता रहा है और यदि गलती से या जानबूझकर भी निदरेष, विरोधियों, पत्रकारों और उद्योगपतियों के खिलाफ उसका इस्तेमाल हुआ है तो वे सार्वजनिक तौर पर उनसे माफी मांग लें और इस मामले को यहीं खत्म करें।

टॅग्स :Pegasusनरेंद्र मोदीNarendra Modi
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई