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मादक पदार्थ बेचने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल चिंताजनक

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: December 13, 2023 09:30 IST

देशभर में आज जिस तरह से मादक पदार्थों का जाल फैलता जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। खासकर युवा वर्ग के इसकी चपेट में आने से देश का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

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ठळक मुद्देदेशभर में आज जिस तरह से मादक पदार्थों का जाल फैलता जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक हैमहाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मादक पदार्थों की बढ़ती बिक्री पर चिंता जताई हैवर्ष 2021 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर तो तीन हजार किलो हेरोइन पकड़ी गई थी

देशभर में आज जिस तरह से मादक पदार्थों का जाल फैलता जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। खासकर युवा वर्ग के इसकी चपेट में आने से देश का भविष्य बर्बाद हो रहा है। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का सोशल मीडिया के जरिये मादक पदार्थों की बढ़ती बिक्री पर चिंता जताना स्वाभाविक ही है।

डिप्टी सीएम फड़नवीस ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विधान परिषद में कुछ सोशल मीडिया मंचों के अवैध वस्तुओं की बिक्री के कारोबार में तब्दील होने की बात कहते हुए कहा कि इसके निराकरण के लिए निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कूरियर कंपनियों से पार्सल की जांच करने की भी अपील की गई है और मादक पदार्थ के व्यापार पर अंकुश लगाने के लिए कूरियर कार्यालयों में आधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से औचक जांच की जा रही है। पिछले अक्तूबर माह में नासिक, सोलापुर और पुणे में ड्रग्स की फैक्ट्रियों का खुलासा हुआ था, जहां से करीब 450 करोड़ की ड्रग्स बरामद की गई थी।

वर्ष 2021 में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर तो तीन हजार किलो हेरोइन पकड़ी गई थी, जिसकी कीमत करीब 21 हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी। इसी साल जून में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एलएसडी ड्रग्स के 14,961 ब्लोट्स जब्त किए थे, जिसे भारत के इतिहास में एलएसडी की सबसे बड़ी जब्ती बताया गया।

इस मामले में भी यही जानकारी सामने आई थी कि सिंडिकेट सोशल मीडिया के जरिये इसका इस्तेमाल करने वालों से संपर्क करते थे फिर फर्जी पते पर इसकी डिलिवरी की जाती थी। मोबाइल नंबर तक फर्जी हुआ करते थे। इसका भुगतान सिर्फ क्रिप्टो करेंसी के जरिये किया जाता था।

बेचने वाले और खरीदने वालों के बीच किसी तरह का कोई कॉन्टैक्ट नहीं होता था और सभी वर्चुअल फेक आईडी इस्तेमाल करते थे। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनओडीसी ऑफिस ऑन ड्रग्स और क्राइम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षों में भारत में नशीली दवाओं की बरामदगी में लगभग 15 गुना का इजाफा हुआ है।

सन् 2017 में 367555 किलोग्राम ड्रग्स बरामद किया गया था, जबकि 2018 में 1803137 किलोग्राम, 2019 में 1866450 किलोग्राम, वर्ष 2020 में 2165150 किलोग्राम और 2021 में 4717331 किलोग्राम ड्रग्स की बरामदगी की गई थी। इसमें हर तरह के नशीले पदार्थ शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री फड़नवीस के बयान से उम्मीद की जानी चाहिए कि सोशल मीडिया के जरिये ड्रग्स के हो रहे प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

टॅग्स :देवेंद्र फड़नवीसनारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी)गुजरातपंजाब
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