Road Accidents In India: मौसम के नाम पर चाहे जितना दुर्घटनाओं के कारणों को टाला जाए, मगर इतना तय है कि सड़क पर चलना लगातार खतरनाक साबित हो रहा है. हर दिन बाजार से ग्राहकों के हाथ लगते नए-नए वाहन शहर-गांव, ग्रामीण से लेकर राष्ट्रीय राजमार्गों तक अनियंत्रित और असुरक्षित ढंग से चल रहे हैं. समाज में वाहनों की गति स्पर्धा का विषय बन चुकी है, भले ही वह नियंत्रण के बाहर क्यों न चली जाती हो. बीते गुरुवार को ही पुणे के निकट बेंगलुरु राजमार्ग पर हुई घातक दुर्घटना में दो बड़े कंटेनर ट्रक के बीच एक कार फंस कर चकनाचूर हो गई और बाद में तीनों वाहनों में आग लग गई.
जिससे उन वाहनों में सवार आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 14 लोग घायल हो गए. यह एक घटना मात्र संदर्भ के लिए है, लेकिन महाराष्ट्र से गुजरते अनेक राजमार्गों के चलते सड़क सुरक्षा गंभीर हो चली है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले छह वर्षों के दौरान राज्य में हुई सड़क दुर्घटनाओं में 95,700 से अधिक लोग मारे गए और 1,29,670 लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
वहीं 53,036 अन्य को मामूली चोटें आईं. हालांकि इन सालों में वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगने से एक-डेढ़ साल दुर्घटनाएं कम हुईं. उधर, महाराष्ट्र परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में इस वर्ष जनवरी से मार्च के बीच 26,922 सड़क दुर्घटनाओं में 11,532 मौतें दर्ज की गईं.
पिछले वर्ष इसी अवधि में 26,719 दुर्घटनाएं और 11,573 मौतें हुईं. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,72,890 लोगों की जान गई. जिनमें तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के बाद 15,366 मौतों के साथ महाराष्ट्र का तीसरा स्थान रहा.
सड़क दुर्घटनाओं के लिए खराब सड़कें, अनियंत्रित गति, अपर्याप्त प्रशिक्षण, लापरवाही से वाहन चलाना और वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों का होना आदि कारण माने जाते हैं. यदि इनमें से कुछ कारण छोड़ दिए जाएं तो ज्यादातर सरकार की जिम्मेदारी दिखाते हैं. बरसात में खराब हुई सड़कें अगले मौसम तक ठीक नहीं हो पाती हैं.
यदि कुछ सुधार होता भी है तो वह अधिक दिन टिकता नहीं है. इसी प्रकार वाहन लाइसेंस और पंजीकरण इतनी सहजता से उपलब्ध होता है कि सड़क पर वाहन चालक के भविष्य का जरा भी आकलन नहीं किया जाता है. माल ढोने के लिए सड़क पर चलते छोटे वाहनों का गांव-शहर से सीधा संबंध अनियंत्रित यातायात का कारण बनता है.
इन्हीं के बीच सामान्य वाहन चालक फंसते हैं और दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं. सरकार को चाहिए कि वह वाहन चालकों को चेतावनियां देने के साथ ही समूची यातायात व्यवस्था का अध्ययन कर दुर्घटना के वास्तविक कारणों की जानकारी हासिल करे. फिर उनके समाधान का प्रयास करे. केवल जीएसटी कम करने से वाहनों की बिक्री बढ़ना ही अच्छा नहीं है. इससे कहीं अधिक वाहनधारियों के जीवन की सुरक्षा आवश्यक है.