डिफेंस एक्सपो 2020 के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जो बातें कहीं उनका सार यह है कि जैसे-जैसे जिंदगी टेक्नोलॉजी पर आधारित होती जा रही है वैसे-वैसे सुरक्षा की चुनौतियां भी टेक्नोलॉजी केंद्रित होती जा रही है.
डिफेंस एक्सपो 2020 की थीम ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस’, इन्हीं चुनौतियों से निर्देशित है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण पक्ष है 21वीं सदी का भारत अपनी आकांक्षा और क्षमताओं को व्यक्तकरे. इस डिफेंस एक्सपो ने इसे प्रदर्शित करने में कामयाबी हासिल भी की.
डिफेंस एक्सपो में भारत की विशालता, उसकी व्यापकता, उसकी विविधता प्रदर्शित हुई. इसने भारत की डिफेंस प्रॉडक्शन कैपेबिलिटीज दुनिया के सामने पेश किया. इसने दुनिया को यह बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑगमेंटेड वर्च्युअल रियलिटी और आॅटोनॉमस सिस्टम, इंटरनेट ऑफ मिलिट्री स्किल जैसी टेक्नोलॉजी के प्रयोग के साथ भारत की रक्षा प्रणाली 21वीं सदी की महान भूमिका के लिए किस तरह से स्वयं को तैयार कर रही है.
यही नहीं इस एक्सपो के जरिए भारत ने यह बताने की कोशिश की कि इनोवेशन और आइडिएशन भावी तैयारियों के लिए अपरिहार्य हैं इनके बिना वैश्विक प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करना मुश्किल होगा. हालांकि प्रधानमंत्री का मानना है कि भारतीयों में हर हालत के अनुरूप ढालने की कला भी है और क्षमता भी. इसलिए वह चुनौतियों को स्वीकार कर मेक इन इंडिया को मेक फॉर इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड से जोड़ सकता है.
प्रधानमंत्री का कहना है कि रक्षा और इकोनॉमी जैसे विषयों की जानकारी रखने वाले इस बात को जानते हैं कि भारत सिर्फ एक बाजार ही नहीं है, बल्कि वह पूरे विश्व के लिए एक अपार अवसर भी है. इसलिए उम्मीद की जा सकती है फिलहाल भारत में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में असीमित संभावनाएं हैं क्योंकि भारत में टैलेंट है, टेक्नोलॉजी है, इनोवेशन है, आइडिएशन है और इन्फ्रास्ट्रक्चर भी. इसके साथ ही यहां डिमांड है, डेमोक्रेसी है और डिसाइसिवनेस भी.
इसलिए इस बात की संभावना तो व्यक्त ही की जा सकती है कि यदि भारत बेहतर मैकेनिज्म के साथ आगे बढ़ता है तो पूंजी का प्रवाह प्रोत्साहित होगा और भारत निवेश का अच्छा गंतव्य बनेगा जिसका फायदा देश को भी मिलेगा. कुल मिलाकर यह समय डिफेंस इकोनॉमी की ओर बढ़ने का है.